नागपुर: महानगर पालिका चुनाव में नियमों की धज्जियां उड़ती रही और प्रशासन आँख मूंदे बैठा रहा। चुनाव प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए राज्य चुनाव आयोग के कई सख्त नियम बनाकर उसके आदेश का पालन करने का आदेश प्रशासन को दिया था। चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक मतदान केंद्रों पर उम्मीदवार की संपत्ति और उस पर दर्ज मामलों की जानकारी मतदान केंद्र पर मतदाताओं के लिए उपलब्ध करानी थी। खुद इस नियम का कड़ाई से पालन करने का आश्वासन मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने दिया था।
लेकिन शहर के ज्यादातर मतदाता केंद्रों पर इस तरह की कोई भी जानकारी को दर्शाने की व्यवस्था नहीं थी। इतना ही नहीं अक्सर मतदान के दिन मतदाताओं को पोलिग बूथ तक पहुँचने के लिए उम्मीदवार वाहन की व्यवस्था करता है जिसे संजीदगी से लेते हुए चुनाव आयोग ने ऐसा होने पर उम्मीदवार पर तुरंत एफआईआर करने का नियम भी बनाया था।
बावजूद इसके शहर भर में तैनात भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच मतदाताओं को बूथ तक निजी वाहनों के माध्यम से पोलिग बूथ तक पहुँचाने का काम जारी रहा। इतना ही नहीं चुनाव से जुड़ी किसी भी तरह की प्रक्रिया में नाबालिगों के इस्तेमाल पर भी रोक का नियम होने के बावजूद राजनीतिक दलो के लिए नाबालिग कार्यकर्ता अपनी सेवाएं देते दिखाई दिए।