क्या पारदर्शिता के साथ पूरी हुई उद्योजिका मेला की टेंडर प्रक्रिया हुई ?
नागपुर – नागपुर महानगर पालिका के महिला उद्योजिका मेला के आयोजन को लेकर आमंत्रित टेंडर में आपत्ति दर्ज होने के बाद मनपा के लिगल विभाग ने उच्च न्यायालय में कैवियट ऍप्लिकेशन जमा कराई है। 6 जनवरी से रेशमबाग मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम के नियोजन का काम इवेंट कंपनी को सौपा गया है। काम देने के लिए मनपा ने इवेंट कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किया था। जिसके बाद काम शोबिज़ नामक कंपनी को दे दिया गया था। मनपा द्वारा इस टेंडर प्रक्रिया में शोबिज़ के अलावा टेंडर भरने वाली अन्य कंपनी ने आपत्ति दर्ज कराई है।
इस कंपनी का आरोप है कि मनपा की टेंडर पक्रिया के नियमों का उल्लंघन कर शोबिज़ कंपनी को काम दिया गया है। अपनी आपत्ति के साथ कंपनी की तरफ में मनपा आयुक्त के पास सुनवाई हुई लेकिन कोई फैसला नहीं निकला। मनपा के समाज कल्याण विभाग की सभापति प्रगति पाटिल के मुताबिक शोबिज़ कंपनी का नियम से वर्कऑर्डर निकल चुका है। लेकिन आपत्ति दर्ज कराने वाली कंपनी का कहना है कि वर्कऑर्डर निकला ही नहीं। अब सवाल यह है कि अगर टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई और ईमानदारी से काम हुआ तो मनपा को उच्च न्यायालय में कैवियट ऍप्लिकेशन जमा कराने की नौबत आयी ही क्यूँ ? क्या दाल में कुछ काला है। मनपा ने अपनी ऍप्लिकेशन में आयोजन पर स्टे लगाने से पूर्व उनका पक्ष सुनने की विनंती की है। मनपा ने कैवियट
ऍप्लिकेशन 3 जनवरी को अदालत में जमा कराई। जबकि इसी दिन आपत्ति दर्ज कराने वाली कंपनी द्वारा उठाये गए सवालो पर मनपा मनपा प्रशासन सुनवाई कर रहा था। इस सुनवाई का अब तक निष्कर्ष नहीं निकला है।
कैवियट ऍप्लिकेशन आम तौर पर सरकारी विभाग द्वारा अदालत में जमा कराई जाती है। जिसका मकसद होता है कि अदालत में किसी तरह का केस या पीआईएल आने पर उनके पक्ष को भी सुना जाये या फिर कोई किसी आयोजन को लेकर स्टे की माँग करता है तो अदालत उस पर तुरंत फैसला न ले।