नागपुर: नागपुर महानगरपालिका में कांग्रेस की मुश्किलें आनेवाले दिनों में बढ़ने की संभावना बनती दिखाई दे रही है. फिलहाल मनपा की सत्ता में कांग्रेस के दो दर्जन से अधिक नगर सेवक हैं लेकिन इनमें से भी दो नगर सेवकों के हटने के संकेत से पार्टी में चिंता का दौर शुरू हो चुका है. दरअसल यह मुश्किल कांग्रेस के नगरसेवक दिनेश यादव और बंटी शेलके को लेकर पैदा होते दिखाई दे रही है. मामला जल्द न सुलझाया गया तो भविष्य में उक्त नगरसेवकों के प्रभागों में उपचुनाव की संभावनाओं को नाकारा नहीं जा सकता है.
बुधवार को मनपा मुख्यालय से जानकारी मिली कि प्रभाग क्रमांक २ के कांग्रेस के नगरसेवक दिनेश यादव को नागपुर जिला खेल विभाग में क्लर्क की नौकरी के लिए चुना गया है, यही नहीं उन्हें इसके साथ नियुक्ति पत्र भी प्राप्त हो गया है. क्यूंकि यादव नगरसेवक हैं, इसलिए उन्हें सर्वप्रथम नगरसेवक पद से इस्तीफा देना होगा, फिर उन्हें सेवा में लिया जाएगा. इसके लिए उन्हें उक्त विभाग ने एक माह की मोहलत भी दी है.
यादव इससे अब दुविधा में पड़ गए हैं कि वे नगर सेवक बने रहें या नौकरी के ऑफ़र को मंज़ूर करें. इस मामले में वे जल्द ही अपने आका से चर्चा कर अंतिम निर्णय लेने वाले हैं. कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि मनपा से मानधन न लेने की प्रतिज्ञा पत्र देने पर दोनों पद कायम रह सकते हैं.
दिनेश फ़िलहाल पशोपेश में हैं. सबकुछ उनके परिजन और उनके राजनैतिक आकाओं के अंतिम निर्णय पर निर्भर है. दूसरी ओर कांग्रेस के ही महल प्रभाग के नगरसेवक बंटी शेलके पर मनपा की सभा में भीड़ को उकसा कर आमसभा की कार्रवाई में बाधा पहुँचाने के आरोप के तहत उनकी सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव मनपा ने भेज रखा है.
दोनों नगरसेवकों की सदस्यता खतरे में देख कांग्रेस अड़चन में आ गई है. अगर सदस्यता रद्द हुई तो उपचुनाव होना तय है और उपचुनाव हुआ तो कांग्रेस को उम्मीद के अनुरूप दोबारा मज़बूत उम्मीदवार मिलना मुश्किल दिखाई दे रहा है.