Published On : Tue, Jul 24th, 2018

नागपुर: केलीबाग रोड पर कार्रवाई का जमकर विरोध

नागपुर: सोमवार को केलीबाग रोड पर उस समय जमकर हंगामा खड़ा हो गया, जब मनपा के बाजार विभाग के अधिकारी प्रवर्तन विभाग का दस्ता लेकर सड़क चौड़ाईकरण में बाधा निर्माण कर रहीं दूकानों को तोड़ने के लिए पहुंच गए. हालांकि मनपा के अधिकारी भारी पुलिस बंदोबस्त को लेकर तो पहुंचे थे, लेकिन दूकानदारों की ओर से हो रहे जमकर विरोध को देखते हुए उनको 2 दिन का समय देकर कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी. कार्रवाई को स्थगित करते हुए अधिकारियों ने दूकानदारों को 2 दिन के भीतर सामान खाली कराने के निर्देश दिए. अन्यथा 26 को हर हाल में कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी.

विरोध में व्यापारियों ने किया बंद
उल्लेखनीय है कि कोतवाली थाना के सामने मनपा ने इन दूकानदारों को लीज पर जमीन दी थी. केलीबाग रोड के चौड़ाईकरण में इन दूकानों की बाधा होने से इन दूकानदारों को एक माह पहले ही नोटिस जारी किया गया था. साथ ही दूकान खाली नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी. लेकिन दूकानदारों की ओर से जगह खाली नहीं की गई, जिससे सोमवार को दल-बल के साथ दस्ते के पहुंचते ही दूकानदार एकजुट हो गए.

Gold Rate
22 Sept 2025
Gold 24 KT ₹ 1,11,200 /-
Gold 22 KT ₹ 1,03,400 /-
Silver/Kg ₹ 1,33,000/-
Platinum ₹ 48,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

विरोध में दूकानों को बंद कर कार्रवाई को लेकर जमकर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे का आलम यह था कि न केवल दूकानदार बल्कि आमतौर पर यहां खरीददारी के लिए आनेवाले लोगों का भी हुजूम लग गया, जिससे काफी देर तक यातायात भी बाधित हो गया. लगभग डेढ़ से 2 घंटे तक चले विवाद के बाद मनपा को कार्रवाई स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा.

28 दूकानों का होगा सफाया
बताया जाता है कि मनपा की ओर से कोतवाली थाना के पास 28 दूकानदारों को लीज पर कमरे दिए गए थे. 14 दूकानें ‘ए’ विंग तथा 14 दूकानें ‘बी’ विंग में हैं. चौड़ाईकरण में ‘बी’ विंग पूरी तरह बाधित हो रही है, जबकि ‘ए’ विंग की 14 दूकानों का भी काफी हिस्सा इसमें आने से इन दूकानों का भी बाधित हिस्सा तोड़ा जाना है. सोमवार को बाजार विभाग के अधिकारी ‘बी’ विंग की 14 दूकानों को तोड़ने के लिए पहुंच गए.

व्यापारियों का मानना था कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से भले ही व्यापारियों के खिलाफ आदेश जारी किए गए हों, लेकिन दूकानदार लगभग 3 पीढ़ियों से यहां व्यापार कर रहे हैं. अधिकार नहीं बल्कि मानवता के आधार पर सर्वप्रथम इन दूकानदारों की वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए थी, जिसके बाद दूकानों को हटाने की कार्रवाई की जानी चाहिए. इस संदर्भ में कई बार आयुक्त से लेकर तमाम अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया गया. जहां उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था का मौखिक आश्वासन भी दिया गया. लेकिन अब बिना व्यवस्था किए दूकानों को तोड़ने की कार्रवाई हो रही है.

Advertisement
Advertisement