कोई अतिशयोक्ति नहीं!
चाहें तो आश्चर्यजनक कह लें ।
लेकिन,एक तथ्यात्मक सचाई चिन्हित कि कि आसन्न आम चुनाव में अगर लोगों की नज़रें प्रधान मंत्री मोदी के निर्वाचन क्षेत्र बनारस पर लगीं हैं,तो भावी प्रधान मंत्री के रुप में पेश किये जा रहे,नितिन गडकरी के नागपुर पर भी लोग नज़र रख रहे हैं।इसलिए नहीं कि दोनों जीतेंगे या नहीं,उत्सुकता ये कि प्रतिद्वंद्वी को कितने के अंतर से हरा रहे हैं ।नागपुर को लेकर ये चर्चा ज्यादा है ।
इसके कारण मौजूद हैं।जबसे नितिन गडकरी का नाम वैकल्पिक प्रधान मंत्री के रुप में सामने आया,पूरे देश में गडकरी के पक्ष में एक सकारात्मक चर्चा शुरु हो गई ।मोदी मंत्रिमंडल के सर्वाधिक योग्य,कार्यकुशल,लोकप्रिय मंत्री की छवि बना चुके नितिन गडकरी का नाम अचानक देश के हर व्यक्ति की जुबान पर तैरने लगा।सभी एकमत कि ,हाँ!नरेंद्र मोदी का विकल्प अगर कोई हो सकता है,तो गडकरी और सिर्फ गडकरी!इस सोच के पक्ष में गडकरी के मंत्रालयों द्वारा संपादित उल्लेखनीय कार्यों की लंबी सूची लोग सामने लाने लगे।निर्वादित रुपमें,और बिल्कुल सही ही ‘सर्वश्रेष्ठ मंत्री’ का तमगा उनके नाम के साथ चस्पा दिया गया।प्रधानमंत्री के संभावित उम्मीदवार के रुप में उनके साथ समर्थकों की बड़ी फौज खड़ी हो गई।
दिलचस्प कि नितिन गडकरी ने स्वयं को इस चर्चा अथवा संभावना से अलग रख छोड़ा है।प्रधान मंत्री पद की दौड़ से खुद को सर्वथा पृथक रखते हुये गडकरी ने साफ कर दिया है कि वे एक आम आदमी की जिंदगी जीना पसंद करते हैं,अपने को किसी पिंजरे में कैद नहीं कर सकते।साथ ही गडकरी ये चिन्हित करने से भी नहीं चुकते कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विकास कर रहा है और उनके नेतृत्व में भारी बहुमत से जीत हासिल कर भाजपा फिर सरकार बनाएगी तथा नरेंद्र मोदी ही पुन:प्रधानमंत्री बनेंगे।बावजूद इसके लोग हैं कि मानने को तैयार नहीं।वे गडकरी को भावी प्रधान मंत्री के रुप में ही देख रहे हैं ।
जाहिर है,गडकरी के पक्ष में इसका एक लाभकारी प्रभाव नागपुर के मतदाता पर भी पड़ेगा।हालांकि,यूँ भी गडकरी को नागपुर में कोई गंभीर चुनौती नहीं मिलने जा रही।गडकरी को समर्थन मिलेगा उनके द्वारा किये गये कार्यों के कारण,उनकी ‘विकास पुरुष ‘की मान्य छवि के कारण!उन्होंने राजनीति को समाज सेवा का माध्यम बनाया और प्रमाणित भी किया।परिवार को राजनीति से दूर रख राजनीति के माध्यम से समाज निर्माण व हर क्षेत्र में विकास के अतुलनीय कार्य करने वाले देश के एकल नेता की इनकी पहचान यूँ ही नहीं बनी है!आश्चर्य नहीं कि इस चुनाव में भी,नागपुर में गडकरी को न केवल अन्य दलों बल्कि समाज के प्राय:हर वर्ग के लोगों का प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है।संभवतः नागपुर एक ऐसा अकेला निर्वाचन क्षेत्र है,जहाँ पार्टी के नाम पर नहीं बल्कि उम्मीदवार विशेष के नाम पर मतदाता वोट करेंगे।ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि नागपुर में लोगों की निगाहें हार-जीत की संभावना पर नहीं,जीत में वोटों के अंतर पर होगी!