Published On : Thu, Jul 26th, 2018

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मांगी माफी

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भोपाल/नई दिल्ली: गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया के निर्वाचन क्षेत्र का मामला गुरुवार को संसद तक पहुंच गया। सिंधिया ने अपने ही क्षेत्र में सरकारी कार्यक्रम में नहीं बुलाने और कांग्रेस विधायक के साथ दुर्व्यवहार मामले को लेकर विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। सिंधिया ने यह भी कहा कि गुना में हुए लोकार्पण कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गडकरी भी गए थे। आमंत्रण पत्र पर क्षेत्रीय सांसद का नाम नहीं था। जबकि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के सभी लोगों के नाम थे। इस पर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा दे रहा हूं। इसके बाद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सदन में सिंधिया से माफी मांग ली।

गुरुवार को लोकसभा में शून्यकाल प्रारंभ होते ही कांग्रेस के गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि वे इस मामले में विशेषाधिकार हनन का नोटिस देना चाहते हैं। इस पर शोरगुल शुरू हो गया लेकिन, गडकरी ने कहा कि आमंत्रण पत्र पर सिंधियाजी का नाम नहीं था, यह मेरी जिम्मेदारी है, क्योंकि मैं विभाग का मंत्री हूं।

उन्होंने स्वीकार किया कि सांसद आए या न आए, उनका नाम आमंत्रण पत्र में होना चाहिए। मैं विभाग की ओर से क्षमा मांगता हूं। इसके बाद सदन में मौजूद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यदि ऐसा सभी के साथ व्यवहार किया जाएगा तो यह ठीक बात नहीं है। गडकरी के जवाब के बावजूद कांग्रेस सदस्य चुप नहीं हुए और सिंधिया सहित कई सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर सरकार के रवैये की आलोचना करते रहे।

क्या है मामला: सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी फोरलेन प्रोजेक्ट के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए थे। शिलापट्टिका पर सांसद का नाम नहीं था। इसी बात का विधायक बमोरी ने एतराज जताया और कहा था कि कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि मौजूद नहीं हैं, फिर भी उनका नाम है। लेकिन जिसके संसदीय क्षेत्र में कार्यक्रम हो रहा है, उन्हीं का नाम नहीं है। इसी बात को लेकर उन्हें मंच से नीचे उतार दिया था।

सिंधिया ने किया ट्वीट: बुधवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा है वे इस मुद्दे को वह संसद में उठा सकते हैं। ट्वीट के साथ टूटी हुई शिलापट्टिका भी दिखाई गई हैं। इसमें सांसद का नाम था, लेकिन बाद में दूसरी बनाई तो इसमें से हटा दिया।