Published On : Mon, Jul 24th, 2017

निठारी कांड: सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को मिली ‘फांसी’ की सजा

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Nithari Verdict - Moninder Singh, Surinder Koli get death sentence for killing Pinki Sarkar
नई दिल्ली:
गाजियाबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट ने निठारी कांड के दोषियों पर आज फैसला सुनाया. कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को फांसी की सजा की सजा सुनाई. इससे पहले गाजियाबाद की एक विशेष अदालत ने सनसनीखेज निठारी हत्याकांड से जुड़े एक मामले में कारोबारी मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को दोषी ठहराया था. न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने यह सजा सुनाई. यह मामला पिंकी सरकार (20) की हत्या से जुड़ा है. पंढेर और कोली को इस मामले में अपहरण, बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया था.

अदालत ने अभियोजन पक्ष के वकील जे. पी. शर्मा की दलीलों पर गौर किया. शर्मा ने अदालत से कहा कि वैज्ञानिक तथ्यों से यह साबित हो चुका है कि कोली ने युवती का अपहरण किया, उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी. उसने सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी की. घटना 5 अक्टूबर, 2006 की है, जब पीड़िता अपने कार्यालय से घर लौट रही थी और निठारी में पंढेर के घर के सामने से गुजर रही थी. कोली ने महिला की हत्या कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया और खोपड़ी घर के पिछले हिस्से में फेंक दी, जिसे सीबीआई ने बाद में बरामद किया था. खोपड़ी का डीएनए पीड़िता के माता-पिता के डीएनए से मैच कर गया. कोली के पास बरामद पीड़िता के कपड़ों की पहचान भी उसके माता-पिता ने की थी. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पंढेर इस पूरी आपराधिक साजिश में शामिल था.

गौरतलब है कि पुलिस ने 29 दिसंबर, 2006 को नोएडा के निठारी स्थित पंढेर के घर से 19 कंकाल बरामद किए गए थे. पंढेर और कोली के खिलाफ 16 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए थे, जबकि साक्ष्य के अभाव में तीन मामलों को बंद कर दिया गया था.

इससे पहले गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने चर्चित निठारी कांड से जुड़े नंदा देवी हत्या मामले में शुक्रवार को सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई. विशेष अदालत ने कोली पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. निठारी नरसंहार मामले से जुड़े पांच मामले में दोषी करार दिए जा चुके सुरेंद्र कोली को इस छठे मामले में अपहरण, हत्या, बलात्कार और सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया गया था. पिछले पांच मामलों में दोषी ठहराए जा चुके कोली को इन मामलों में मौत की सजा सुनाई गई थी. इस तरह उसे छठे मामले में भी अधिकतम सजा सुनाई गई.