यवतमाल जिला ग्राहक मंच का निर्णय
यवतमाल। नैशनल इन्सिट्यूट ऑफ फाइनान्स (निफा) इस शैक्षणिक संस्था ने छात्रों से धोखाधड़ी करने के मामले में यवतमाल जिला ग्राहक मंच ने हालही में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. जिसके अनुसार शैक्षणिक संस्था को नुकसान भरपाई के तौर पर 10 विद्यार्थियों को 4 लाख 70 हजार 250 रुपये जुर्माना भरने के निर्देश दिए है.
राजस्थान की निफा नामक संस्था का यवतमाल में सेंटर खोले जाने का विज्ञापन देने में आया था. उसपर यवतमाल के बेरोजगार युवक आशीष मानेकर, सुमित कानसकर, राहुल पांडवकर, दिगांबर मानेकर, निरज दमकोंडावार, उदय कदम, पवन पाध्दे, अमोल शहाकार, नितीन कावरे, हरिष पढ़ाल आदि ने कम्प्यूटर प्रशिक्षण के लिए इस संस्था में प्रवेश लिया था. उसके लिए सभी छात्रों ने शैक्षणिक शुल्क 2 लाख 70 हजार 250 रुपए केंद्र संचालक अभय जगताप को दिए. संस्था के विज्ञापन के अनुसार 12 माह का प्रशिक्षण एवं शत-प्रतिशत रोजगार की गैरंन्टी छात्रों को दी गई थी. लेकिन प्रत्यक्ष में शिक्षण शुल्क मिलने के पश्चात संस्था संचालक की ओर से किसी भी प्रकार की सुविधा छात्रों को देने में नहीं आयी. कम्प्यूटर, डेक्स बेंच, ग्रीन बोर्ड आदि भी संस्था में नहीं है.
उसी के साथ कहने के अनुसार किसी भी प्रकार का पाठ्यक्रम संस्था में पढ़ाया नहीं गया. जिससे गरीब छात्रों को अपने साथ धोखा होने का अंदेशा हुआ. परीक्षाशुल्क लेने के बाद भी सुविधाएं के साथ प्रमाणपत्र भी नहीं दिए गए. सदर संस्था को तांत्रिक मंडल की किसी भी प्रकार की मान्यता नहीं होने की बात छात्रों के ध्यान में आयी. इसी कारण विद्यार्थियों में संभ्रम की स्थिति निर्माण हो गई. जिससे यह मामला ग्र्राहक न्यायालय में दाखिल करने में आया. दोनों की दलील सुनने के बाद विद्यार्थियों के पक्ष में ग्राहक मंच ने फैसला दिया. ग्राहक न्यायालया के डा. अशोक सोमवंशी, एड. आश्लेषा दिघाड़े ने निफा संस्था को बेरोजगार युवकों को शैक्षणिक शुल्क 4 लाख 70 हजार 250 रुपये समेत नुकसान भरपाई देने के निर्देष दिये.

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