Published On : Wed, Mar 17th, 2021

रेत उत्खनन के लिए NGTA का उल्लंघन

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– जिलाधिकारी,जिला खनन अधिकारी,RTO,SDO,तहसीलदार,महामार्ग पुलिस,यातायात व स्थानीय पुलिस की चुप्पी से अधिकृत/अनाधिकृत उत्खननकर्ता की मनमानी जारी

नागपुर– पिछले कुछ वर्ष रेत उत्खनन की पूर्ण पाबंदी के बाद इस वर्ष रेत उत्खनन के लिए ‘NATIONAL GREEN TRIBUNAL ACT’ का कड़क पालन की शर्त पर जिले के रेत घाटों की निलामी हुई.इसके तुरंत बाद NGTA को ताक पर रख पिछले 3 सप्ताह से खुलेआम उत्खनन शुरू हैं.इसकी जानकारी जिलाधिकारी,जिला खनन अधिकारी, RTO,SDO,तहसीलदार, महामार्ग पुलिस,यातायात व स्थानीय पुलिस को होने के बावजूद उनकी चुप्पी से उत्खननकर्ता मदमस्त हैं.

NGTA के अनुसार रेत उत्खनन के लिए समय निश्चित होने के बावजूद शाम 6 बजे के बाद उत्खनन की जा रही हैं.ACT के अनुसार नदी से रेत उत्खनन हाथ से सिर्फ करने की अनुमति हैं,लेकिन अब तक खुदाई शुरू करने वाले ठेकेदार मशीनों से खुदाई कर रहे हैं,जिससे नदी को नुकसान हो रहा हैं.ACT के अनुसार नदी से रेत निकालकर तय दुरी पर उसका STOCK करने की अनिवार्यता के बावजूद खुलेआम उल्लंघन का सिलसिला जारी हैं.इसकी विस्तृत जानकारी तहसीलदार,SDO,जिला खनन अधिकारी ,जिलाधिकारी को हैं अथवा देने पर कोई ACTION/REACTION न होना समझौते की बू आ रही हैं.

इतना ही नहीं रेत परिवहन करने हेतु ACT में कड़क नियम अंकित हैं लेकिन उसे दरकिनार कर परिवहन वह भी ओवरलोड शुरू हैं,इससे वाकिफ होने के बावजूद स्थानीय पुलिस,यातायात पुलिस,RTO की चुप्पी से ‘दाल में काला’ नज़र आ रहा हैं.
इसके अलावा जिन्हें नदी किनारे खेत में जमा रेत निकालने की अनुमति समझौते के तहत जिला प्रशासन ने दी,वे तो पूर्ण मनमानी पर उतर आए,नदी से रेत मशीन से निकाल कर बताए गए खेत में जमा कर रहे फिर उसे ग्राहकों में बेच रहे.इसकी भी शिकायत करने के बावजूद उक्त प्रशासन ने अजीब सी चुप्पी साध उक्त ग़ैरकृत को हवा दे रही.

उल्लेखनीय यह हैं कि उक्त रेत के व्यवसाय में शहर-जिले के तथाकथित सफेदपोश प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कूड़े हुए हैं,जब घाट बंद थी तो जिला प्रशासन को वश में कर खुलेआम रेती का अवैध दोहन किया गया था.इस चक्कर में विभिन्न पक्षों के तथाकथित नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं में तनातनी होते रहती हैं.

video : https://youtu.be/eXRggI_lKcE