नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे आरा मिलें, नहीं है किसी के पास भी फायर फ़ाइटिंग इक्विपमेंट्स
शहर के भीतर सॉ मिलों को लेकर भले ही सरकार की ओर से कई कड़े नियम लागू किए गए हों, इसके बावजूद लष्करीबाग जैसे निवासी क्षेत्र में अग्निशमन विभाग की ओर से किसी भी तरह की अनुमति के बिना वुडवुल का कारखाना संचालित होने की जानकारी स्वयं अग्निशमन विभाग के सुगतनगर स्टेशन की ओर से किया गया. गर्मी के दिनों में होनेवाली आग की घटनाओं को देखते हुए निवासी क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे ऐसे कारखानों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस की शहर इकाई के अध्यक्ष विशाल खांडेकर के नेतृत्व में शिष्टमंडल मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर से मिला. शिष्टमंडल में रोशन भिमटे, रमनदीप सिंह खरे, प्रभजितसिंह बहेल, राजन नगरारे, अजय मडावी, किरण पानतावने, अमित तिवारी, अतुल गजघाटे, जसबिरसिंह खरे, अश्विन पखिर्डे, कुलदीप सिंग मथाडु, संजय बागड़े, प्रवीण कांबले, राहुल खांडेकर, स्वप्निल सूर्यवंशी, विलास लारोकर, संदेश गजभिये, उत्तम सहारे, सचिन गायगवली आदि शामिल थे.
याद रहे कि लष्करीबाग में संचालित हो रहे वुडवुल के कारखाने के लिए विभाग की ओर से अनुमति नहीं दिए जाने से सुगतनगर स्टेशन के पास किसी तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं है, जिससे आग लगने की घटना से निपटने के लिए आवश्यक उपकरण लगाए गए या नहीं, इसका लेखाजोखा भी विभाग के पास उपलब्ध नहीं है, किंतु मामला उजागर होते ही फायर स्टेशन की ओर से कारखाना का निरीक्षण किया गया, जिसमें वुडवुल की 3 मशीन कार्यरत होने की जानकारी उजागर की गई. साथ ही फायर फायटिंग के कोई भी उपकरण नहीं लगे होने की जानकारी भी दी गई.
आयुक्त से चर्चा के दौरान शिष्टमंडल ने कहा कि मनपा के अनुसार यहां लगभग 90 टन लकड़ा संचित किया हुआ है, जबकि वास्तविक रूप में इससे अधिक माल रखा गया है. आग की घटना होने पर आवासीय परिसर होने के कारण जनहानि की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. अग्निशमन विभाग की साठगांठ से कारखाने का संचालन होने का आरोप लगाते हुए बताया गया कि आरटीआई के तहत जानकारी मांगे जाने के बाद विभाग हरकत में आया. कारखाने का निरीक्षण तो किया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई जबकि अग्निशमन सेवा की नियमों के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए थी. अत: मामले की पूरी जांच कर संबंधितों पर कार्रवाई करने की मांग भी की गई.
