नक्सल उन्मूलन अभियान में एक बड़ी सफलता , पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर किया सरेंडर
महाराष्ट्र के अंतिम छोर पर बसे नक्सल प्रभावित गोंदिया जिले और छत्तीसगढ़ सीमा और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त ऑपरेशन और योजनाओं की वजह से गोंदिया जिले में सक्रिय 6 नक्सली संगठन लगातार कमजोर पड़ रहे हैं।
वर्ष 2024- 25 में पिछले एक साल के दौरान तीन खूंखार नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं बता दें कि संजय पुनेम व देवा मुड़ाम इन दो माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था , सोमवार 19 मई को इसमें एक और नाम जुड़ गया।
जिलाधिकारी प्रजीत नायर , पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे व अपर पुलिस अधीक्षक नित्यानंद झा के समक्ष साढ़े 3 लाख रुपए के इनामी नक्सली देवसू उर्फ देसू उर्फ़ देवा ( निवासी- गुंडम पोस्ट पामेड़ , तहसील उसरू जिला बिजापुर छत्तीसगढ़ ) ने हिंसा का रास्ता छोड़ आत्मसमर्पण किया है।
देवसू उर्फ देसु पर सरकार ने 3.5 लाख रुपए का इनाम रखा था उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में दर्जनों पुलिस मुठभेड़ के मामले दर्ज है।
आत्म समर्पित नक्सली देवसू यह तथाकथित झूठी क्रांति की कहानीयां सुनकर नक्सलियों के विभिन्न प्रलोभनों और बहकावे में आकर , नक्सली विचारधारा से प्रभावित होकर बाल संगठन में शामिल हो गया फिर अक्टूबर 2017 में पामेड़ पीएल 9 में उसकी भर्ती हुई और उसने सरकार के खिलाफ हथियार उठा लिए , नई भर्ती हुए अन्य मओवादियों के साथ उसे एमसीसी जोन ( विस्तार क्षेत्र ) भेज दिया गया।
नक्सली कमांडर का रह चुका है बॉडीगार्ड
गोंदिया जिले के तान्डा दलम , दरेकसा दलम और मध्य प्रदेश के मलाजखंड दलम के साथ काम करने के बाद उसे केंद्रीय कमेटी मेंबर व कुख्यात नक्सली कमांडर मिलिंद उर्फ दीपक तेलतुमड़े का अंगरक्षक नियुक्त किया गया था।
13 नवंबर 2021 को गढ़चिरौली जिले मैं हुई पुलिस मुठभेड़ के दौरान मिलिंद तेलतुमड़े सहित 28 नक्सली मारे गए थे , इस मुठभेड़ के दौरान देवसू सहित अन्य नक्सली जंगलों में भाग गए थे।
आत्म समर्पित नक्सली ने गोंदिया जिले के चिचगढ़ स्थित कोसबी जंगल , तुमडीकसा वन क्षेत्र में हुई मुठभेड़ तथा फरवरी 2019 में पड़ोसी जिले राजनांदगांव के खैरागढ़ जंगल में मुठभेड़ में शामिल होने और नवंबर 2021 में गडचिरोली के मर्दिनटोला जंगल क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में शामिल रहने की काबुली दी है साथ ही उस पर गोंदिया , गडचिरोली , बालाघाट, राजनंदगांव , बीजापुर जिले के विभिन्न थानों में दर्जनों मामले दर्ज हैं और सरकार ने उस पर साढे तीन लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
हिंसा का रास्ता छोड़ , समाज के मुख्य धारा से जुड़े नक्सली- अपील
अब आत्मसमर्पण पश्चात नक्सली देवसू को प्रोत्साहन राशि के अलावा उन्हें शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी प्रदान किया जाएगा।
यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र के भटके युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ने और उन्हें एक सुरक्षित भविष्य देने की दिशा में एक अहम कदम है।
जिला पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे और जिलाधिकारी प्रजीत नायर ने कहा- आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या में बढ़ोतरी यह संकेत देती है कि सरकार की रणनीति कारगर साबित हो रही है।
यह आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है बल्कि शांति और विकास के दिशा में एक ठोस कदम भी है बाकी नक्सलियों ने भी आत्म समर्पण कर मुख्य धारा में आना चाहिए और समाज के बीच एक सम्मानपूर्वक जिंदगी व्यतीत करनी चाहिए ऐसी अपील की है।
रवि आर्य