काटोल : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे विधान सभा मतदार क्षेत्र संख्या 48काटोल के चुनावी नतीजे तो24अक्तूबर को समाचार पढे जाने तक चुनावी नतीजों के नतीजे आना प्रारंभ भी हो जायेंगे। तब तक काटोल विधान सभा चुनाव क्षेत्र के 10 उम्मीवार अपने अपने जीत के दावे कर रहे है। पर यहां के चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस के उम्मिदवा तथा पुर्वमंत्री अनिल देशमुख एंव पुर्व नगराध्यक्ष तथा भा ज प उम्मिदवार चरणसिंग ठाकूर के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।
लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं ने अपने सहयोगी कांग्रेस ,शे का प,तथा रि पा ई कवाडे के कार्यकर्ताओं के चुनावी प्राचर मे लिये कडी मेहनत के आधार पर पुर्व मंत्री अनील देशमुख के जीत का पुरा भरोसा है। उन्होने जीत पुर्ण आत्मविश्वास से जीत की मिठाई हम ही खिलायेंगे यह बात का कार्यकर्ता कहने से नही चूक रहे।
वहिं भारतीय जनता पार्टी अपने कैडर बेस पक्के मतदाताओं के प्रचार पर पुरा भरोसा होने से साथ ही शिव सेना का पुरा पुरा साथ मिलने से विजयी गुलाल तो चरणसिंह ठाकूर तथा भा ज प का कमल ही उडायेंगे यह भाजपा के नेता कह रहे है।
अब सवाल यह उपस्थित हो रहा है की बहुजन वंचित आघाडी के तथा भा ज प के पुर्व समर्थक दिनेश टूले भा ज प के चरणसिंग ठाकूर या राष्ट्रवादी के अनिल देशमूख दोनों नेताओं में से किसके जीत का रोडा बनकर नागपुर जिले में बहुजन व॔चित का पहला विधायक चुना जाता है।
वही सुफी बाबा का हांथी कोई चमत्कार करते है। यह सवाल काटोल के मतदारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
काटोल के विधान सभा चुनाव 2014 के मुकाबले 2019 को एक प्रतिशत मतदान कम हूआ। यह एक प्रतिशत सत्ता पक्ष भा ज प का नुकसन करता है या मुख्य प्रतिद्व॔दी राष्ट्रवादीसकांग्रेस को फायदा पहूःचाता है यह तो नतीजे आने के बाद ही स्पष्ट होगा।
काटोल विधानसभा मे 271893-हजार मतदाओं में से 188800 मतदाओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किये है । यह 69-44%मतदान कियाहै।
जो उम्मीद से कम हुआ ।
भा ज प के कैडर बेस प्रचार ,हो या चुनाव आयोग द्वारा जिनका मतदान भी नही है ऐसे स्कुली छात्रों के हांथो में चुनाव मे मतदान प्रतिशत बढाने के प्रचार तथा प्रसार पर हुऐ करोडो का खर्च भी मतदान प्रतिशत नही बढा सका । वहीं राष्ट्रवादी नये मतदाता को अपने आकर्षित करने विफलता हाथ लगी जिसमें अब काटाेल विधानसभा चुनाव के 2019 का परचम कोन लहराता है इसके उपर सभ की नजरें लगी हुई है।











