नागपुर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़े स्वास्थ्यकर्मी अपनी विभिन्न माँगो को लेकर इन दिनों हड़ताल पर है। स्वास्थ्य से जुडी गंभीर सेवा में अहम भागेदारी निभाने वाले इस कर्मचारियों और डॉक्टरो ही हड़ताल की वजह से सेवा पर बुरा असर पद रहा है। बीते तीन दिनों से संविधान चौक पर धरने पर बैठे ये कर्मचारी अब ही अपनी माँगो पर अड़े है। मंगलवार को उत्तर नागपुर के विधायक मिलिंद माने ने हड़ताली कर्मचारियों से मुलाकात की, इस मुलाकात के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री तक स्वास्थ्यकर्मी की बात पहुँचाने का आश्वासन दिया। ख़ुद स्वास्थ्य सेवा से जुड़े विधायक ने माना की हड़तालियों की माँग जायज़ है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत सेवायें देने वाले कर्मचारियों का काम शहर और ग्रामीण दोनों भागों में अहम है। इस सेवा की वजह से जन्मजात बच्चों की मृत्यु दर,जननी की सुरक्षा,कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं में बेहतर सुधार हुआ है। काम के बदले इन्हे वेतन या मानधन के रूप में किया जाने वाला भुगतान इनके काम और सेवा के हिसाब से कम है। वह प्रयास करेंगे की इन्हे उचित न्याय मिल सके। वो खुद मुख्यमंत्री से इस संबंध में बातचीत करेंगे। आवश्यकता पड़ी तो सदन में सरकार से सवाल भी करेंगे।
हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्यकर्मीयो की प्रमुख माँग पगार और उन्हें नियमित करने की है। इस माँग को लेकर वो लंबे समय से संघर्षरत है लेकिन सरकार द्वारा उनकी माँग पर अवहेलना की जा रही है। खुद विधायक डॉ मिलिंद माने का कहना है की मध्यप्रदेश और उड़ीसा जैसे राज्यों ने कॉन्ट्रैक्ट पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों को स्थाई नौकरी दी है ऐसी व्यवस्था नागपुर में भी होनी चाहिए। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है ,प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाँथो में ली तख्तियों में मुख्यमंत्री से चुनाव पूर्व उनसे किया गया वादा याद दिलाया। साथ ही यह भी दर्शाया की अगर उनकी माँग नहीं मानी जाती है तो उनके लिए नौबत पकौड़े बेचने की आ जाएगी क्यूँकि उन्हें मिलने वाले वेतन से ज़्यादा कमाई शायद इस काम में हो।
