Published On : Sun, Jul 24th, 2016

गुटों में बिखरी कांग्रेस हुई एकजुट !

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मनपा में हुए आंदोलन में दिखा असर
२६ जुलाई के पूर्व मांगे नहीं हुई तो पुनः तीव्र आंदोलन

Vikas Thakre and NMC
नागपुर:
आगामी चुनावों के मद्देनज़र प्रदेश कांग्रेस की गंभीर दखल का असर गुरुवार २१ जुलाई को नागपुर महानगरपालिका मुख्यालय में संपन्न हुए जनहितार्थ आंदोलन में सभी गुट के कार्यकर्ता नज़र आना कांग्रेस के लिए शुभ संकेत है। इसका असर यह हुआ कि आंदोलन का स्वरुप बृहद हो गया। इस कांग्रेस की एकता का सन्देश चंद घंटों में शहर भर में फ़ैल गया। सर्वत्र यही कही जा रही थी कि कांग्रेस की एकता से आगामी चुनाव में चुनावी परिणाम काफी रोचक होंगे।

विगत सप्ताह प्रदेश कांग्रेस के नागपुर शहर व जिला प्रभारी विधायक विजय वडेट्टीवार ने जिले से प्रदेश कांग्रेस के प्रभारियों की बंद द्वार बैठक ली थी। जिसमें एक ही स्वर में उपस्थितों ने चिंता जताई थी कि जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी घर बैठ गए है। इसका असर पार्टी और आगामी चुनावों पर होना तय है।

तत्पश्चात् प्रदेश कांग्रेस प्रमुख की पहल पर जिले के तथाकथित कॉंग्रेसी नेताओं की बंद कमरे में बैठक हुई। इस बैठक से पूर्व मंत्री अनीस अहमद और जिले के एकमात्र विधायक सुनील केदार दूर थे। किसी का कहना था कि उन्हें आमंत्रण नहीं मिला, तो किसी का कहना था कि आमंत्रण मिला लेकिन किसी व्यक्तिगत काम की वजह से बैठक में नहीं पहुंचे और तो कुछ ऐसे भी कह गए कि उक्त दोनों कांग्रेस नेतृत्व से खफा है।

खैर जो भी कारण रहा हो गुरुवार को जब मनपा मुख्यालय में आंदोलन शुरू हुआ तो धीरे-धीरे सभी गुट के कार्यकर्ता आंदोलन में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने से नहीं चुके।

इनमें प्रमुखता से प्रफुल गुरधे पाटिल, संदीप सहारे, आभा पांडे, डॉ. प्रशांत चोपड़ा, अरुण डवरे अनुपस्थित थे। तो वहीं दीपक कापसे, संजय दुबे, जुल्फेकार भुट्टो, तानाजी वनवे, हरीश ग्वालवंशी, प्रशांत धवड, संजय महाकालकर, अनिल पांडे, उमाकांत अग्निहोत्री आदि शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास ठाकरे के नेतृत्व में सैकड़ो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का जोशे-जूनून देखते ही बनता था। इससे यह साफ़ हो चूका है कि सभी कांग्रेसी नेताओं ने अपने मनमुटाव को दूर रख कर अपने कार्यकर्ताओं को मिलकर सक्रीय रखने का निर्देश दे दिया। जिसका नजीता गुरुवार को देखने को मिला। सभी भाजपा के लगभग साढ़े ९ वर्षीय शासनकाल में हुई अनियमितताएं, धांधली आदि पर रोक लगाने, दोषी पर कार्रवाई करने की पुरजोर मांग कर रहे थे।

कार्यकर्ताओं के जोशे-जूनून से कोई अनहोनी न घट जाये। इसलिए ठाकरे ने सभी आंदोलनकारियों को आसमान के नीचे ले गए। जहां ठाकरे सहित सभी उपस्थितों ने जमकर नारेबाजी कर मनपा प्रशासन को २५ जुलाई तक मोहलत दी कि की गई मांग को पूरा नहीं किया गया तो २६ जुलाई को पुनः विशालकाय आंदोलन किया जायेगा।

हज़ारे की मांग, पांडे को नज़रअंदाज न करें
नगरसेवक पुरुषोत्तम हज़ारे ने पक्ष नेतृत्व को जानकारी दी कि आगामी मनपा चुनाव में राजीव गांधी विचार मंच के प्रमुख अनिल पांडे को ले कर चले। इसे नज़रअंदाज किया गया तो यह कई कांग्रेसी उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ सकता है। पांडे वैसे निर्दलीय २ से ३ प्रभागों में पैनल बनाकर उम्मीदवार खड़ा करने की योजना बना रहा है। निसंदेह पांडे गुट के सभी उम्मीदवार कांग्रेस के ही वोट काटेंगे।

सूत्र बतलाते है कि कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा पांडे को उम्मीदवारी देने के मूड में है लेकिन पांडे अपने आधा दर्जन कार्यकर्ताओं की उम्मीदवारी चाह रहे है। यह कड़वा सत्य है कि पांडे के मनसूबे पर पानी फिर जायेगा। इसलिए पांडे मनपा चुनाव के लिए बन रही तीसरी आघाडी के भी संपर्क में है। यहां भी बात नहीं बनी तो पांडे अपने कार्यकर्ताओं के खातिर निर्दलीय पैनल बनाकर मनपा चुनावी जंग में नज़र आ सकते है।

कई नगरसेवक पलायन के मूड में
कांग्रेस के ४-६ वर्तमान नगरसेवक मनपा का अगला चुनाव भाजपा की ओर से लड़ने के इच्छुक नज़र आ रहे है। वे अक्सर भाजपा खेमे में दिखते है। इनमें मध्य और दक्षिण नागपुर के कांग्रेसी नगरसेवक आदि का समावेश है। तो कुछ कांग्रेस की ओर से अगला चुनाव लड़ने के इच्छुक है। इनमें बसपा के पूर्व नगरसेवक का समावेश है। कांग्रेस पार्टी से लड़ने के इच्छुक नए प्रभाग की परिसीमन, आरक्षण सह नए प्रभाग पद्दति पर न्यायलय में चल रही याचिका के निर्णय की राह तक रहे है।

मनपा प्रशासन के अच्छे दिन शुरू!
अगले वर्ष फरवरी के अंतः या मार्च के पहले सप्ताह में मनपा का चुनाव होनेवाला है। अब से चुनाव पूर्व तक मनपा प्रशासन को सिर्फ अच्छे-अच्छे, कानून दायरे में रहकर तथा जनहितार्थ काम करने होंगे। विपक्ष के हाथ एक ही नुक्श या गलती लगी तो सरेआम कर दिए जायेंगे। गुरुवार के आंदोलन के दौरान हंगामा देख रहे अधिकारियों का कहना था कि अब अच्छे दिन आ गए। नहीं तो कपडा फटना लाजमी है।