Published On : Thu, Jan 4th, 2018

नाना पटोले की सीएम को चुनाव लड़ने की चुनौती

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Nana Patole and Rahul Gandhi
नागपुर: लोकसभा से इस्तीफ़ा देने वाले भंडारा-गोंदिया के पूर्व सांसद नाना पटोले ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनाव लड़ने की खुली चुनौती दी है। बीजेपी से नाराजगी के बाद पटोले ने पार्टी और संसद की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया था। गुरुवार को नागपुर में मीडिया से बात करते हुए नाना ने अपनी भविष्य की राजनीति पर बोलते हुए कहाँ की उपचुनाव में वो तभी मैदान में होंगे अगर उनके सामने फडणवीस या फिर प्रफुल्ल पटेल मैदान में हो। उन्होंने यह भी साफ़ किया की अगर इन दोनों में कोई प्रतिद्वंदी के रूप में मैदान में नहीं होगा तो वो चुनाव भी नहीं लड़ेंगे अगर इनके अलावा कोई और मैदान में होगा तो उनके द्वारा भी किसी अन्य को चुनाव लगाया जाएगा। मोदी और फडणवीस की नीतियों पर लगातार हमला करने के बाद उन्होंने पार्टी को राम-राम कह दिया था। नाना के मुताबिक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दिल्ली ले जाने का प्रयास शुरू है खबर है की पटेल बीजेपी में शामिल हो सकते है दोनों ही सूरत में इन दोनों में से कोई भी मैदान में हो वह चुनाव लड़ेंगे।

जल्द मिलेगा घर वापसी की जानकारी
नाना ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए बताया की दोनों के बीच करीब 2 घंटे बातचीत हुई। बीजेपी से इस्तीफ़ा देने के बाद कयास लगाये जा रहे थे की नाना की अपने पुराने घर में घरवापसी होगी। राहुल गाँधी से मुलाकात के बाद इस बात पर मुहर लग चुकी है। कांग्रेस में जाने के सवाल पर नाना ने कहाँ की विचारों से कांग्रेसी ही है। जब जब देश में किसी तरह का संकट आया कांग्रेस सबसे पहले आगे आई जल्द ही आप को घरवापसी की जानकारी मिलेगी।

19 के प्लान का फैसला इस्तीफ़ा देना
नाना ने भले ही बीजेपी की नीतियों से नाराजगी की वजह से इस्तीफ़ा देने का ऐलान किया हो लेकिन फडणवीस से उनकी असली लड़ाई चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर थी। नागपुर टुडे ने अपनी पुरानी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दे चुका है की फडणवीस भंडारा-गोंदिया सीट के रास्ते दिल्ली का सफर तय करने में ज्यादा दिलचस्पी रखते है। इस बात की जानकारी पटोले को भी है इसलिए अपनी राजनीति को सुरक्षित करने के लिए उन्होंने पार्टी से इस्तीफ़ा और लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा देने का दाव चला। पटोले को पता है की मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता का फायदा उन्हें भविष्य में भी हो सकता है। जिला परिषद सदस्य से लेकर सांसद बनने तक के सफ़र में पटोले की मतदाताओं के बीच लोकप्रियता बरक़रार है। 24 वर्ष की आयु में निर्दलीय जिला परिषद सदस्य 1994 में निर्दलीय के तौर पर विधायक बनने के बाद पटोले कांग्रेस में शामिल हो गए और दो बार विधायक बने। 2008 में कांग्रेस से इस्तीफ़ा देकर स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे के कहने पर 2009 में बीजेपी में शामिल हो गए। इसी वर्ष साकोली से बीजेपी की टिकिट पर विधायक बने इसी दौरान निर्दलीय लोकसभा चुनाव भी लड़े लेकिन हार गए। वर्ष 2014 में राका के कद्दावर नेता प्रफुल्ल पटेल को हराकर बीजेपी की टिकिट से सांसद बने।