Published On : Mon, Nov 13th, 2017

शहर के इन बदमाशों को जमीन खा गई या आसमान निगल गया!

Advertisement

Wanted Criminals of Nagpur
नागपुर:
कुख्यत गैंगस्टर संतोष आंबेकर, रसुखदार राज्यमंत्री का दर्जे वाले नेता मुन्ना यादव, उनके बेटे करण और अर्जुन यादव, मंगल यादव तथा शातिर कुख्यात वांटेड आशु उर्फ़ आशीष कोतुलवार के सामने नागपुर पुलिस बेबस साबित हो रही है। शहर में इन दिनों चर्चा शुरू है कि इन शातिर अपराधियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं होने से नागपुर पुलिस की साख दांव पर लगी हुई है।

मुन्ना यादव चूंकि सत्तारूढ़ पार्टी भाजप के न केवल ताकतवर नेता हैं बल्कि एक महत्वपूर्ण पद पर भी विराजमान हैं। कहा जाता है कि यही वजह है कि उसके बेटे करण और अर्जुन पिता के रसूख के बल पर निडर होते जा रहे हैं। वर्धा की बैंक रॉबरी कांड में लिप्त आरोपी मंगल यादव की भी पृष्टभूमि अपराधिक बताई जा रही है। मुन्ना यादव तथा मंगल यादव की पारिवारिक दुश्मनी काफी बढ़ चुकी है। यह परिवार एक दूसरे के जानी दुश्मन बन बैठे हैं। यह दुश्मनी इन दोनों परिवार की नई पीढ़ियों में भी घर कर चुकी है।

पटाखे फोड़ने के मामूली विवाद को लेकर 20 अक्टूबर को दोनों परिवार आपस में मारपीट करने लगे। इस मारपीट में मंगल यादव का परिवार गंभीर रूप से घायल हुआ था। साथ ही मुन्ना यादव के बेटे करण तथा अर्जुन मामूली रूप से घायल हुए थे। पुलिस ने यादव परिवार की तरफ से हमले में इस्तेमाल किए गए डंडे, रॉड, ईंट और पत्थर भी बरामद किए। हमले में लक्ष्मी यादव की लिप्तता ना पाते हुए कोर्ट ने उन्हें राहत दी। मगर पुत्रों को राहत देने के लिए कोर्ट ने इनकार कर दिया।

Gold Rate
Tuesday 25 March 2025
Gold 24 KT 87,900 /-
Gold 22 KT 81,700 /-
Silver / Kg 98,200 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

माना जा रहा है कि मुन्ना यादव को ख़ुद को बोकसूर साबित करने के लिए आत्मसमर्पण कर देना चाहिए। सवाल यह भी खड़े किए जा रहे हैं कि 307 हत्या के प्रयास का मामला दर्ज होते ही मुन्ना यादव को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

कुख्यात गैंगस्टर संतोष आंबेकर के बारे में कहा जाता है कि उसके राजनीतिक नेताओं से नजदीकी रिश्ते हैं। कुछ नेताओं के साथ व्यवसायिक भागीदारी भी है। अपराध करने के बाद कुख्यात गैंगस्टर कभी मुंबई, कभी उज्जैन या कभी गोवा में अपना डेरा जमाता है। फिलहाल इस गैंगस्टर पर कुछ माह पहले बाल्या गावंडे की हत्या के पीछे का सुत्रदार होने का दावा कलमना पुलिस ने किया था तब से यह गैंगस्टर कुछ माह से हत्या के मामले में वंछित है। और नागपुर पुलिस गैंगस्टर को ढूंढने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है।

इसके अलावा मकोका केस में फरार कुख्यात अपराधी आशु उर्फ़ आशीष कोतुलवार कुख्यात राजु भद्रे गैंग का शार्प शुटर बताया जाता है। पिछले साल राजू भद्रे ने जेल में रहकर सट्टा बुकी अजय राऊत के अपहरण का प्लान बनाया था।उसने इस प्लान साथियों की मदद से अंजाम दिया था। इस मामले में तत्कालीन डीसीपी रंजन शर्मा के मार्गदर्शन में हुई जांच में क्राईम ब्रांच ने इसका खुलासा किया था। और इस अपहरण कांड में वसूले गए ३ करोड़ रुपए की फिरौती की रकम भी क्राईम ब्रांच पुलिस ने जब्त किया था। उस मामले में आशु उर्फ़ आशीष कोतुलवार की महत्वपुर्ण भूमिका थी। तब से अब तक आशीष कोतुलवार फरार है। नागपुर क्राईम ब्रांच ने आशीष कोतुलवार को पकड़ने के लिए काफी योजनाएं बनाई थी लेकिन सारी कोशिशें विफल साबित हुईं।

पिछले साल तहसील पुलिस थाना अंतर्गत आर्किटेक एकनाथ निमगड़े की सुपारी देकर गोली मारकर हत्या की गई थी। यह मामला नागपुर के लिए काफी संवेदशील बना था। इस मामले में भी आशीष कोतुलवार का नाम उछला था। उसे पकड़ने के लिए पुलिस का एक दस्ता नेपाल, हैदराबाद, वर्धा भी खोजबीन कर आया था। वहां से भी पुलिस को चकमा देकर आशीष कोतुलवार फरार हो गया।

इन शातिर अपराधियों को पकड़ने के लिए नागपुर पुलिस और उसकी अपराध शाखा लगातार विफल साबित हो रही है। इन सारे मामलों को लेकर अब जनता सवाल करने लगी है कि क्या पुलिस कोई राजनीतिक दबाव में है? क्या सही में इन अपरधियों को जमीन खा गई या आसमान निगल गया इस तरह की चर्चा समुचे नागपुर शहर में हो रही है।


—रविकांत कांबले

Advertisement
Advertisement