Published On : Thu, Jan 9th, 2020

जिप चुनाव में बड़ी जीत के रियल हीरो ‘सुनील केदार’

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– पहली बार दिल्ली से गल्ली के नेतृत्वकर्ताओं की आपसी समन्वय और सम्पूर्ण जिले में मंत्री सुनील केदार की धुंआधार जनसम्पर्क-प्रचार यात्रा से कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली

नागपुर: नागपुर जिला परिषद् चुनाव को लेकर पहली दफा नागपुर ग्रामीण का कांग्रेस पक्ष की ओर से नेतृत्व करने वाले दिल्ली से लेकर गल्ली तक अर्थात मुकुल वासनिक,मंत्री सुनील केदार,ग्रामीण अध्यक्ष राजेंद्र मूलक,नाना गावंडे,गज्जू यादव व सुरेश भोयर की मंडली की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष आपसी समन्वय के कारण एकतरफा जीत हासिल हुई.इस जीत के रियल हीरो सम्पूर्ण चुनाव के दौरान अल्प अवधि में जिले का धुंआधार जनसंपर्क-प्रचार यात्रा करने वाले मंत्री सुनील केदार को कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होंगी।

नागपुर ग्रामीण या रामटेक लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस पक्ष के परंपरागत नेतृत्वकर्ता केदार-देशमुख परिवार का वर्चस्व रहा.इन दोनों परिवार की दूसरी पीढ़ी इनदिनों राजनीत में सक्रिय हैं.इन दोनों परिवार में से केदार परिवार के सुनील केदार जो फ़िलहाल राज्य में मंत्री हैं,वे २ दशक से अधिक समय से सम्पूर्ण जिले में सक्रिय हैं.अर्थात साल के ३०० दिन जिले में ही नज़र आएंगे।इसलिए जिले के लगभग तमाम नागरिक/पक्ष/संगठन/समुदाय की बारीकी समझ रखते हैं.

यह भी कड़वा सत्य हैं कि इनकी दूरदृष्टि को भांप कोई इन्हें राजनैतिक तवज्जों अबतक नहीं दिया.नतीजा ‘मछली’ की जीवनशैली की तर्ज पर बिना विचलित हुए स्वयंबल पर ‘बहाव के विपरीत’ बहते रहे(डटे रहे).

इस जिला परिषद् चुनाव की घोषणा और राज्य में सेना-एनसीपी-कांग्रेस की तिकड़ी सरकार बनी.एक तरफ तीनों पक्षों के मध्य समन्वय पर तो दूसरी तरफ सुनील केदार को मंत्रिमंडल में लेने हेतु कश्मकश जारी था.इसी बीच एनसीपी-कांग्रेस का साथ और सेना का अलग चुनाव लड़ने का निर्णय हो गया.एनसीपी और कांग्रेस के मध्य सीटों का बंटवारा भी हो गया.लेकिन कोंढाली और वलनी जिला परिषद् सीटों पर आपसी टसल के कारण दोनों जगह एनसीपी-कांग्रेस ने उम्मीदवार खड़े किये। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्वकर्ता मुकुल वासनिक के सहमति से मंत्री सुनील केदार,ग्रामीण अध्यक्ष राजेंद्र मूलक,नाना गावंडे,गज्जू यादव व सुरेश भोयर ने आपसी समन्वय से उम्मीदवारों का चयन किया।जिसमें बड़ी भूमिका केदार की रही.इसी बीच जब केदार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाने की घोषणा हुई,तो जिले के कांग्रेस में गजब की ऊर्जा आ गई.मंत्री बनते ही केदार तुरंत नागपुर पहुँच जिप उम्मीदवारों के चुनाव प्रचारार्थ ऐसे भिड़े की जिले के नेता-कार्यकर्ता दंग रह गए.सुबह ७ बजे से निकलना और रात २-३ बजे सोना।इस दृश्य को किसी ने ‘जिले का भुत’ तक कह डाला।कांग्रेस सह एनसीपी उम्मीदवार के जीत के लिए दिनरात एक कार दी।

जिसका सकारात्मक नतीजा कल मतगणना शुरू होते ही मिलना शुरू हो गया.मतगणना समाप्त होने के बाद कांग्रेस को ५८ में से ३० तो एनसीपी के 10 उम्मीदवार जीत कर आए। अर्थात कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली,जिलापरिषद में वैसे उन्हें किसी के मदद की जरूरत नहीं।लेकिन केदार ऐसा नहीं करेंगे,अगला जिप अध्यक्ष तय करने में भी अहम भूमिका निभाएंगे और एनसीपी को भी साथ लेकर उन्हें उपाध्यक्ष पद दे सकते हैं। इसलिए गज्जू यादव,नरेंद्र पिम्पले समेत अनगिनत जिले के ऊर्जावान कांग्रेसी इस जीत के ‘ रियल हीरो सुनील केदार’ को ठहरा रहे।शाम होते ही मुख्यमंत्री ने इस हीरो को गांधीजी की अहम नगरी वर्धा का पालकमंत्री भी घोषित कर दिया।