Published On : Thu, Sep 13th, 2018

विवाद के चलते गुरुवार को युवक कांग्रेस चुनाव का परिणाम नहीं हो सका जारी

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नागपुर – गुरुवार को युवक कांग्रेस के राज्य भर के चुनाव परिणाम घोषित कर दिए गए लेकिन नागपुर के परिणाम को रोक दिया गया है। चुनाव के परिणाम घोषित न होने की वजह कांग्रेस पार्टी की ही तरह पार्टी की युवा ईकाई में व्याप्त गुटबाज़ी को ही माना जा रहा है। 9 से सितम्बर के दौरान युवक कांग्रेस के संगठन चुनाव के लिए मतदान हुआ। मतदान के दौरान नागपुर में हंगामा हुआ था।

पश्चिम नागपुर में 12 सितंबर को पश्चिम क्षेत्र में मतदान के दौरान शहर अध्यक्ष पद के खड़े उम्मीदवार धीरज पांडे ने और इरशाद खान का बोगस मतदान होने का आरोप लगाया। दोनों का चुनाव अधिकारी से विवाद भी हुआ। दोनों उम्मीदवारों ने बोगस मतदान होने का सबूत होने का दावा किया। चुनाव से जुड़े एक अधिकारी ने लिखित तौर पर माना की 12 मतदाता के हस्ताक्षर नहीं मिल रहे है।

मामला सामने आने के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। वर्त्तमान युवक कांग्रेस अध्यक्ष बंटी शेलके ने धीरज और इरशाद के व्यवहार पर आपत्ति दर्ज कराते हुए। दोनों को संगठन से निष्काषित किये जाने की माँग उठाई। शेलके ने दोनों पर बूथ कैप्चरिंग करने का आरोप लगाया है।

युवक कांग्रेस चुनाव में खड़े हुए विवाद को सुलझाने के लिए गुरुवार को संगठन के चुनाव अधिकारी , प्रदेश निर्वाचन अधिकारी सुधीर चौधरी की मौजूदगी में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई। दोनों पक्षों से सवाल पूछे गए। विवाद को देखते हुए गुरुवार को आने वाले चुनाव परिणाम को एक दिन के लिए रोक दिया गया है। अब शुक्रवार को प्रदेश स्तर के चुनाव के साथ नागपुर के परिणाम को जारी किया जायेगा। नागपुर में युवक कांग्रेस के संगठन चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए 9 जबकि महासचिव पद के लिए 19 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।

कांग्रेस पार्टी में आतंरिक गुटबाजी सार्वजनिक है। लेकिन अब युवा ईकाई के भीतर की अंतर्कलह भी सामने आ रही है। गौरतलब हो की धीरज पांडे और इरशाद खान पार्टी के अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नितिन राऊत के समर्थक गट के कार्यकर्त्ता है। राऊत के पुत्र कुणाल प्रदेश में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार है। अपनी एकला चलो की राह अपनाने वाले बंटी शेलके और धीरज पांडे और कुणाल के कभी साथ थे। लेकिन बीते चुनाव के बाद से दोनों के बीच दुरी बढ़ गई है। गौरतलब हो की युवक कांग्रेस के पिछले चुनाव में भी भारी हंगामा हुआ था। चुनाव में फर्जी सदस्यता का मामला गूंजा था। बावजूद इसके चुनाव में बंटी ने जीत दर्ज की थी।