Published On : Fri, Jan 26th, 2018

बीता दशक गवाह है कि ‘अपने’ ही निकले आस्तीन के सांप’, कभी बेआबरू किया, तो कभी लहूलुहान तो कभी किया दुष्कर्म…

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नागपुर: महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर शहर में पिछले 10 वर्षों में 1 लाख 17 हजार 415 अपराध दर्ज किए गए। इसमें हत्या, लूटपाट, हत्या के प्रयास, सेंधमारी, दुष्कर्म, डकैती, चेन स्नैचिंग, चोरी, मारपीट सहित अन्य प्रकरण शामिल हैं। इस दौरान संतरानगरी में 22 थाने संचालित हो गए थे। शहर के जूना कामठी, नया कामठी और हिंगना थाने को शहर पुलिस आयुक्तालय में वर्ष 2016 में शामिल किया। इसमें नए कामठी थाने को वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। संतरानगरी में 10 वर्षों में हत्या की 1405 वारदातें हुईं। इसमें सर्वाधिक हत्याएं वर्ष 2005, 2008, 2011 और 2014 में हुई। इन चार वर्षों में 462 लोगों को मौत के घाट उतारा गया। हत्या की वजह मामूली विवाद, पारिवारिक कलह, पैसे का लेन- देन, पुरानी दुश्मनी और गैंगवार थी। वारदातों को अंजाम देने वाले ज्यादातर आरोपी भी उनके अपने ही लोग निकले। कोई किसी का रिश्तेदार तो कोई किसी का दोस्त और कोई किसी का पड़ोसी ही निकला।

लूटपाट 1310, दुष्कर्म 2707, चेन स्नैचिंग 1405
हत्याएं आंकड़ों की जुबानी
उपराजधानी में पिछले 10 वर्षों के दौरान 1106 हत्या के प्रयास
वर्ष 2005, 2008, 2011, 2014 में सबसे अधिक हत्याएं हुईं
इन दस वर्षों में 1 लाख 17 हजार 415 प्रकरण शहर के थानों में दर्ज

नागपुर पुलिस सूत्रों के रिकार्ड के अनुसार, 2005 से लेकर नवंबर 2017 तक हत्या की 1405 घटनाएं हुईं, इसमें वर्ष 2005 में सबसे अधिक 121 हत्या हुईं। वर्ष 2011 में 120 लोगों को मौत के घाट उतारा गया। वर्ष 2014 में 112 और 2008 में 109 लोगों की हत्या कर दी गईं। इन 10 वर्षों में सबसे अधिक आपराधिक प्रकरण वर्ष 2015 में दर्ज किए गए। इस वर्ष 10446 प्रकरण दर्ज किए गए थे। वर्ष 2016 में 9720 प्रकरण, 2009 में 6792, 2010 में 6672, 2011 में 6965 , 2016 में 8889 और नवंबर 2017 तक 8696 प्रकरण शहर के थानों में दर्ज हुए।

यहां पर नागपुर टुडे सबसे अधिक घटनाओं का जिक्र कर रहा है, जो संबंधित वर्ष में कब और कितनी संख्या में हुआ है।

एक नजर इस पर भी
वर्ष 2017 में नवंबर तक 82 हत्याएं हुईं। इसमें 27 घटनाएं मामूली विवाद को लेकर हुई। 25 घटनाएं घरेलू विवाद और प्रेम संबंध के चलते हुई। बाकी 30 वारदातें पैसे के लेन-देन को लेकर हुई। इन 82 घटनाओं में से 78 उजागर हो चुकी हैं। आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। हत्या की जिन वारदातों को पुलिस उजागर कर चुकी है, उसमें 51 आरोपी पड़ोसी, 13 आरोपी रिश्तेदार, 12 आरोपी दोस्त, 2 आरोपी गैंग से जुड़े और अन्य 4 आरोपी अज्ञात निकले। इस वर्ष नंबवर 2017 तक हत्या के प्रयास के 72 प्रकरण दर्ज किए गए। इसमें 8 प्रकरण मामूली विवाद के चलते हुए। 22 प्रकरण पारिवारिक कलह के चलते और 37 अपराध प्रेम संबंध के चलते, 2 प्रकरण अज्ञात व्यक्ति के विवाद के कारण हुई।

बाकी 3 अपराधिक प्रकरण गैंग के चलते दर्ज किए गए।

हत्या का कारण मामूली विवाद या पुरानी रंजिश
संतरानगरी में 10 वर्षों में 1405 हत्याएं हुईं। इसी तरह 1106 हत्या के प्रयास, 266 डकैती, 2707 चेन स्नैचिंग, 3310 लूटपाट, सेंधमारी की 13454, दुष्कर्म 1310, अपहरण 2532 (इसमें नाबालिग से जुड़े मामले भी शामिल), छेड़छाड़ के 2772 और अन्य प्रकार की चोरियों से जुडे हुए 36 हजार 627 प्रकरण दर्ज हुए हैं।

सबसे अधिक घटनाए इन वर्षों में 
इन 10 वर्षों में चेन स्नैचिंग की सबसे अधिक वारदातें वर्ष 2006 में 293, 2013 में 249 और 2014 में 260 घटनाएं हुईं। सेंधमारी की वर्ष 2005 में सबसे अधिक 1218 घटनाएं हुईं। वर्ष 2006 में 1247, 2013 में 1126 और 2015 में 1115 घटनाएं दर्ज की गईं। शहर में दुष्कर्म के प्रकरण को लेकर भी शहर पुलिस अधिक गंभीर रही है। वर्ष 2014 में 127, 2015 में 178 और 2016 में 154 और नवंबर 2017 तक 148 दुष्कर्म के प्रकरण दर्ज किए गए।

आधुनिक तकनीकों से काम तेज
पुलिस का काम ही है कि वह अपराधियों पर नकेल कसे। अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अब आधुनिक यंत्रों का सहारा लिया जा रहा है। पहले आधुनिक संसाधनों की कमी थी, अब आधुनिक संसाधन आ जाने से पुलिस के कार्य में बेहद तेजी आ गई है, यह टीम वर्क है रिजल्ट जनता के सामने है। -डॉ. के. वेंकटेंशम, पुलिस आयुक्त.

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—रविकांत कांबले