नागपुर: गडचिरोली जिले में वड़सा तहसील से 30 किलोमीटर की दूरी पर कोडगुल गांव में नक्सलियों ने बम ब्लास्ट किया था। इस हादसे में 3 जवान जख्मी और एक गंभीर जख्मी हो गए थे।
गंभीर रूप से घायल जवान को गडचिरोली से नागपुर एअरपोर्ट पर चॉपर से लाया गया। गंभीर जख्मी जवान को इलाज की सख्त जरूरत थी। इसके बाद नागपुर ट्रैफिक पुलिस ने घायल जवान को तुरंत इलाज दिलाने के मकसद से ‘ग्रीन कोरिडोर’ तैयार करने का फैसला लिया।
ज्ञात हो कि जामठा में नागपुर श्रीलंका का दूसरा टेस्ट मैच शुरू है और मैच समाप्त होने के बाद दोनों टीमों की बसें उसी वर्धा रोड से रेडिसन होटल निकली थीं। टीमों को भी रास्ते में रुकाना उचित नहीं था। समय को देखते हुए टीम इंडिया तथा श्रीलंका की टीम की बसों को भी रोका नहीं गया व सफलतापूर्वक घायल जवानों को पांच मिनिट के भीतर ऑरेंज सिटी हस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया गया। इस ग्रीन कोरिडोर की जिम्मेदारी ट्राफिक पुलिस निरीक्षक गिरीश ताथोड़ और उनकी टीम को दी गई थी। ट्रैफिक के डीसीपी रवींद्रसिंह परदेशी वायरलेस के माध्यम से टीम का मार्गदर्शन कर रहे थे।
ग्रीन कोरिडोर (Green corridor) असल में अस्पताल प्रबंधन और ट्रैफिक पुलिस तथा पुलिस के आपसी सहयोग से अस्थायी रूप से तैयार किया जाना वाला एक द्रुत मार्ग होता है जिसमें कुछ देर के लिए ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से निर्धारित मार्ग पर यातायात रोक दिया जाता है या नियमित कर दिया जाता है ताकि पायलट वाहन या एम्बुलेंस को एक से दूसरी जगह जाने के लिए कम से कम समय में पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है। ऐसे में एम्बुलेंस का ड्राईवर अनुभवी और प्रशिक्षित होता है और ऐसे में कम से कम समय में मरीज को चिकित्सा सेवा मुहेया करवा दी जाती है जिसकी वजह से जिन्दगी बचाना आसान होता है।