बिजली गिरी, एक जख्मी
मौदा (नागपुर)। मौदा में मंगलवार 1 जुलाई को आई अचानक तूफानी बारिश ने हाहाकार मचा दिया। तूफानी बारिश से मौदा में कई बड़े-बड़े पेड़ गिरने से कई घरों और दुकानों का नुकसान हो गया है. जबकि बिजली गिरने से एक गंभीर हो गया है, उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. बिजली के खंभे गिरने से बिजली आपूर्ति खंडित है. बारिश के कहर ने मौदा वासियों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार 3 बजे के करीब मौदा में तूफानी बारिश ने कहर मचा दिया. सैकड़ों वर्ष पूर्व आई इस बारिश से शहर के नींबू, इमली, बबूल जैसे बड़े-बड़े पेड़ गिर गए. अनेक बड़े पेड़ लोगों के घर-दुकानों पर गिरने से उनका काफी नुकसान हुआ है. जिनमें मौदा शहर के गजानन इखार की टेलरिंग शॉप, शिवरकर की दुकान, राहुल मोबाइल शॉपी, वैभव फर्नीचर मार्ट, अनिकेत बुक डेपो और प्रसंग बुक डेपो शामिल है. तेज हवा से लोगों के घर के टिन, सीमेंट शीट और कवेलु उड़ गए. जिससे चारों ओर हाहाकार मच गया.
तूफानी बारिश से मौदा बसस्थाक, जनता विद्यालय, मौदा पंचायत समिति, प्राथमिक आरोग्य केंद्र, जयस्तंभ चौक से लेकर गरदेव मोहल्ला से जुनी मच्छीसाथ में ज़्यादा नुकसान हुआ है. अनेक पेड़ गिर गए साथ ही बिजली के खंभे भी सड़क पर गिर पड़े. जनता विद्यालय के सामने दो पेड़ गिर गए. कक्षा के दो टिन भी उड़ गए है. पंचायत समिति के कार्यालय के सामने बड़े वृक्ष गिरने से 2 मोटरसाईकल चकनाचूर हो गई. स्टेट बैंक के पास बड़ी पेड़ की टहनी गिरने से ग्रामसचिव नगरभोजे की कार के कांच फुट गए. पावड़दौना मार्ग पर झोपड़पट्टी में सुनीता किरपान के घर का टिन शेड उड़ गया. पुरानी बस्ती के श्रीराम भूरे के घर पर पेड़ गिरने से उनके घर की छत गिर गई. साथ ही उनके बाजु में रहनेवाली डोमबाई कडियाल का मिट्टी का घर पूरी तरह उद्ध्वस्त हो गया. महेश वानखेड़े के घर के पीछे का क्षेत्र पूरी तरह से नुकसान ग्रस्त हो गया. गणेश पात्रे और डोमा पदमाकर गांधी का मिट्टी घर नष्ट हो गया. पुरानी बस्ती के पुरुषोत्तम काटकर के घर का भी नुकसान हुआ है. बिजली के खंभे झुक जाने और तार टूट जाने से बिजली विभाग ने बिजली आपूर्ति खंडित की है.
खेत में काम कर रहे गणपत वैद्य के पीठ के पीछे बिजली गिरने से वह जख्मी हो गया है. उसे तुरंत डॉ. बोरकर के अस्पताल में ले जाया गया. जहां उसकी हालत ठीक होने की जानकारी है.
दुकानदारों की दुकान पर पेड़ गिरने से बेरोजगारी की समस्या बन गई है. तूफानी बारिश के रुकते ही दुकानदार और घर मालिकों ने घर और दुकान को वापस ज़माने की शुरुवात की है. मौदा निवासियों ने शासन से अपेक्षा है कि उनका जो भी नुकसान हुआ है वो उसकी कुछ भरपाई करें.