Published On : Sat, Aug 22nd, 2020

नागपुर रेंज के आईजी मल्लिकार्जुन प्रसन्ना से प्रेरित हैं खापा पीआई हर्षल एकरे की फिटनेस

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खापा (नागपुर ग्रामीण):जहां हमने बॉलीवुड फिल्मों में हमेशा फिट बॉडी वाले पुलिस वालों को देखा है लेकिन अब असल जिंदगी में भी युवा पुलिसकर्मियों के बीच आपको बहुत से फिट एवं फाइन पुलिसकर्मी देखने को मिल जाते हैं। ऐसे ही एक रियल लाइफ सिंघम हैं खापा पुलिस स्टेशन (नागपुर ग्रामीण) के पुलिस इंस्पेक्टर एवं थाना प्रभारी हर्षल एकरे, जो न सिर्फ अपनी फिट पर्सनालिटी से आपको आकर्षित करते हैं बल्कि उनका अपने स्टाफ के प्रति विनम्र व्यवहार और कर्तव्य के प्रति गंभीरता भी साफ नजर आती है।

पीआई हर्षल एकरे इस समय खापा पुलिस स्टेशन में पदस्थ हैं जिनके अधीन पाटनसावंगी से लेकर खेकरानाला के पास स्थित मध्यप्रदेश की सीमा तक का इलाका आता है। जब नागपुर टुडे की टीम खापा से 14 किलोमीटर दूर चारगांव स्थित फॉरेस्ट ज़ोन नामक ढाबा में बढ़ रही मोबाइल चोरी की गतिविधियों के सिलसिले में खापा पहुंची तब हर्षल एकरे से एक विशेष चर्चा का मौका मिला।

नागपुर टुडे के साथ हुई एक खास मुलाकात में खापा पीआई हर्षल एकरे ने नागपुर ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देने का अपना अनुभव बताया, साथ ही स्थानीय अपराध के साथ-साथ खापा क्षेत्र में बढ़ रही अवैध रेत चोरी की घटनाओं पर भी प्रकाश डाला। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी फिटनेस को लेकर भी बात करते हुए बताया कि वे अपने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, विशेष तौर पर नागपुर रेंज के आईजी केएम मल्लिकार्जुन प्रसन्ना की उस विचारधारा से काफी प्रेरित हैं, जिसमें उन्होंने पुलिसकर्मियों की फिटनेस पर काफी जोर दिया है।

जब उनसे उनकी फिट पर्सनालिटी के बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि इन दिनों युवा पुलिसकर्मियों में फिटनेस को लेकर काफी ध्यान दिया जा रहा है। पूर्व में वॉलीबॉल प्लेयर रह चुके एकरे बताते हैं कि उन्हें फिटनेस की प्रेरणा आईजी मल्लिकार्जुन प्रसन्ना से मिलती है जो अक्सर विभिन्न मंचों पर पुलिसकर्मियों में फिटनेस की अनिवार्यता पर जोर देते हैं। उन्होंने कहा,“यही बात मुझे फिट रहने के लिए प्रेरित करती है और मैं अपने स्टाफ में भी फिट रहने की भावना जगाने की कोशिश करता हूं ताकि वे प्रभावी ढंग से अपनी ड्यूटी कर सकें।”

पुलिस के पेशे में रहते हुए जल्दी-जल्दी होने वाले तबादलों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में एकरे ने कहा, “यह तो इस पेशे का अभिन्न हिस्सा है। हमारा पेशा ही ऐसा है कि हमें साल दो साल में जगह बदलनी पड़ती है और हमें इसके लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

अपने अधीन आने वाले क्षेत्र में उन्होंने अपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने का भरपूर प्रयास किया है,हालांकि उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में तौर-तरीके शहर की तुलना में थोड़े अलग होते हैं। उन्होंने कहा,“ग्रामीण क्षेत्र छोटा होता है और सभी लोग एक दूसरे को जानते हैं, ऐसे में अपराधियों से भी नियमित तौर पर आमना-सामना होता है। अपराध करने वाले लोग भी आपसे मिलते जुलते हैं और ऐसे में इस तरह के तत्वों पर हमें सतर्कता से नजर रखनी होती है।”

खापा क्षेत्र में हाल ही में अवैध रेत परिवहन की कई घटनाएं प्रकाश में आईं, जिस पर नकेल कसने में एकरे ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि उनका मानना है कि संसाधनों की प्रचुरता के कारण अवैध रेत परिवहन की घटनाएं बढ़ गई हैं और रेत के बढ़ते दामों ने भी इस तरह की गतिविधियों में इजाफा किया है। लेकिन वो यह सुनिश्चित करते हैं कि इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगा रहे।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की कार्यशैली के लिए वे नागपुर ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक राकेश ओला से मार्गदर्शन लेते हैं और उनके दिशानिर्देशों पर वो पूरे आत्मविश्वास के साथ काम कर सकते हैं। एकरे कहते हैं, “ओला सर के साथ काम करते हुए बहुत कुछ सीखने को मिलता है और वो हमेशा सही दिशा में जांच के लिए उचित मार्गदर्शन देते हैं जिसके चलते अपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने में प्रभावी मदद मिलती है।”