नागपुर। तगड़ी चुनौती देने के दावे के बाद भी नितीन गडकरी व कृपाल तुमाने के सामने कांग्रेस पस्त हो गई। नागपुर जिले की दोनों लोकसभा सीट पर भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार लगभग जीत चुके है।
नागपुर क्षेत्र से भाजपा के गडकरी व रामटेक से शिवसेना के कृपाल तुमाने काफी वोटों के अंतर के साथ प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को परास्त कर रहे हैं। गडकरी डेढ लाख व तुमाने 80 हजार वोटों के अंतर से जीत के करीब पहुंचे। मोदी सरकार में प्रमुख स्थान रखनेवाले गडकरी की विकास की छवि को चुनौती देते हुए कांग्रेस ने इस बार गहरी रणनीति चली थी। 2014 के चुनाव में गडकरी ने 2.85 वोटों के अंतर से कांग्रेस उम्मीदवार को पराजित किया था। इस बार उनकी जीत को रोकने के लिए कांग्रेस ने नाना पटोले को मैदान में उतारा था। पटोले भंडारा के लोकसभा सदस्य रहे हैं। कांग्रेस किसान मोर्चा के अध्यक्ष हैं।
आरंभ से ही गडकरी दावा करते रहे कि विकास के बल पर उनकी जीत तय है। नागपुर में 70 हजार करोड के विकास कार्यों के अलावा विविध प्रकल्पों को गडकरी की विकास की राजनीति के रुप में प्रचारित किया जा रहा था। उधर नाना पटोले को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस दावा कर रही थी कि सामाजिक न्याय के मसले के साथ गडकरी को गहरी चुनौती दी जाएगी। दलित, मुस्लिम व कुनबी समाज के अलावा हलबा समाज के मतदाताओं को भाजपा के विरोध में लामबंद करने का दावा किया जाता रहा। हालांकि मतगणना के दौरान यह अवश्य महसूस किया गया कि कुछ क्षेत्र विशेष में कांग्रेस के दावे के अनुरुप भाजपा का विरोध हुआ है। लेकिन गडकरी की विकास की छवि के सामने सारी रणनीति फेल भी हो गई।
गडकरी के नागपुर के सभी 6 विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली। उत्तर, मध्य व पश्चिम क्षेत्र में वोटों का अंतर घटता बढ़ता रहा।
उधर रामटेक में शिवसेना उम्मीदवार तुमाने के मुकाबले में कांग्रेस के किशोर गजभिए जोर नहीं पकड़ पाए। नागपुर में विधानसभा चुनाव लड़ चुके गजभिए प्रशासनिक अधिकारी भी रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। 2014 के चुनाव में तुमाने ने कांग्रेस उम्मीदवार मुकुल वासनिक को 1.75 लाख वोटों के अंतर से पराजित किया था। इस बार उम्मीदवार बनाए गए गजभिए काे वासनिक की पसंद के उम्मीदवार के तौर पर प्रचारित किया गया। मतगणना के आरंभ से ही तुमाने आगे रहे। आरंभ में 8 राउंड तक उनकी बढ़त का अंतर 10 से 15 हजार तक रहा। बाद में बढ़त का आंकड़ा 80 हजार से अधिक तक पहुंच गया।
गौरतलब है कि 12 विधानसभा क्षेत्र वाले नागपुर जिले के कांग्रेस का केवल एक ही विधानसभा सदस्य है। माना जा रहा है कि जिले में भाजपा शिवसेना उम्मीदवारों की इस जीत का असर विधानसभा के होने वाले चुनाव पर भी पड़ सकता है।
