
नागपुर: नागपुर महानगरपालिका चुनाव 2026 की पृष्ठभूमि में नरेंद्र नगर वार्ड क्रमांक 35 (अ) में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पारंपरिक राजनीतिक दलों से अलग हटकर, जनता के बुनियादी मुद्दों को केंद्र में रखते हुए अरविंद रमेश तुपे ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है। उन्होंने अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से नामांकन दाखिल कर इस चुनावी मुकाबले को सामाजिक और राजनीतिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण बना दिया है।
वार्ड में वर्षों से अनियमित जलापूर्ति, जर्जर और गड्ढों से भरी सड़कें, सफाई व्यवस्था की बदहाली, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दे केवल आश्वासनों तक सीमित रह गए हैं। इसी पृष्ठभूमि में “पार्टी नहीं, मुद्दे महत्वपूर्ण” की स्पष्ट भूमिका के साथ अरविंद तुपे चुनावी मैदान में उतरे हैं। उन्होंने बिना किसी पार्टी दबाव के सीधे नागरिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का संदेश दिया है।
अरविंद तुपे ने बीजेपी उम्मीदवार को सीधी और कड़ी टक्कर देने की तैयारी दिखाई है। यह चुनाव केवल उम्मीदवारों के बीच का मुकाबला नहीं, बल्कि व्यवस्था के खिलाफ आम नागरिकों की आवाज़ के रूप में देखा जा रहा है। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, मूलभूत नागरिक सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण और वार्ड का संतुलित विकास उनके चुनाव प्रचार के प्रमुख मुद्दे हैं।
निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर तुपे का कहना है कि आम नागरिकों का विश्वास और समर्थन ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। उनके अनुसार राजनीतिक समीकरणों से अधिक जनता का जनादेश महत्वपूर्ण है। ऐसे में वार्ड 35 (अ) में यह चुनाव केवल मतदान तक सीमित न रहकर, नागरिकों के असंतोष और बदलाव की उम्मीद की परीक्षा साबित हो सकता है।
15 जनवरी को होने वाले मतदान और 16 जनवरी को घोषित होने वाले नतीजे वार्ड की राजनीतिक दिशा तय करेंगे। स्थापित सत्ता के खिलाफ खड़े निर्दलीय उम्मीदवार को मतदाता कितना समर्थन देते हैं, इस पर पूरे नागपुर की नजरें टिकी हुई हैं।








