सरकारी स्कूलों की बिजली बिल ऊर्जा विभाग को उठाना होगा , विनोद तावड़े

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नागपुर: राज्य के स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं के आभाव का मसला ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाया गया. इसके तहत शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों की बिजली बिल का खर्च खुद ऊर्जा विभाग को उठाना होगा. केवल यही नहीं इसके साथ विभागों को यह भी देखना होगा कि इन सरकारी स्कूलों का बिजली कनेक्शन किसी भी सूरत में बंद नहीं होना चाहिए.

इसके साथ ही ग्रामीण विकास व शिक्षा विभाग मिलकर जर्जर स्कूल इमारतों को नए सिरे से बाएंगे. शिक्षकों की भर्ती के लिए शुरू किए गए पवित्र पोर्ट में आवेदन के दौरान की गई गलतियों को सुधारने के लिए जल्द ही विंडोे खोला जाएगा.

इन सुधारों के लिए डीपीसी में उपाय करना चाहिए. यही नहीं हर जिले को मिलनेवाली खनिज विकास निधि का भी इस्तेमाल इस काम के लिए करना चाहिए. प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देशों पर स्वच्छतागृह के काम किए जाने की जानकारी दी गई. मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से भी राज्य के सरकारी स्कूलों के उत्थान के लिए जल्द बैठक ली जाएगी

तकरीबन 300 गर्ल्स स्कूलों में स्वतंत्र शौचालय बनाया जाएगा. इसी तरह छात्राओं के लिए मांग के अनुरूप निधि उपलब्ध कराने का वादा वित्त मंत्री ने किया. उन्होंने खुद के कामकाज का उल्लेख करते हुए बताया कि 4 साल के कामकाज के दौरान उनका 90 प्रतिशत वक्त जिला परिषद की स्कूलों में गया है. अब प्रदेश के जिला परिषद की पहली से बारहवीं शिक्षा को समग्र शिक्षा अभियान के रूप में जाना जाएगा.