Published On : Wed, Jan 4th, 2017

किराए की बोगियों से मेट्रो का ट्रायल रन

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नागपुर:
नागपुर मेट्रो परियोजना का एट ग्रेड सेक्शन मई माह तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसी दौरान ट्रायल रन भी शुरू हो जाएगा। यह ट्रायल रन किराए की रेलगाड़ियों में शुरू किया जाएगा। हैद्राबाद मेट्रो रेल परियोजना के पास अतिरिक्त रेल कोच होने के कारण उनसे यह मेट्रो रेल मिलना सुलभ हो सकेगा। असल में यह नागपुर मेट्रो रेल परियोजना की खुशनसीबी ही है कि परियोजना पूरी होने से पहले ही प्रोजेक्ट को ट्रायल रन के लिए मेट्रो ट्रेन मिल रही है। यह जानकारी बुधवार को एनएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक ब्रजेश दीक्षित ने मेट्रो हाऊस में बुलाई गई एक पत्रपरिषद के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि फरवरी माह में इन दो ट्रोनों को लाया जाएगा। तीन तीन कोच के 2 सेट में यह ट्रेनें रखी जाएंगी।

श्री दीक्षित ने बताया कि जुलाई से दिसंबर तक ट्रायल रन शुरू हो सकेगा। सुबह और शाम के पीक ट्राफिक समय में ही यातायात की अनुमति होगी। इसके बाद नॉन पीक अवर (व्यस्त समय को छोड़) शेष समय में ट्रायल रन किया जाएगा।

श्री दीक्षित ने बताया कि एट ग्रेड सेक्शन में एक अस्थाई रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा जिसे ‘साउथ एयरपोर्ट’ मेट्रो स्टेशन कहा जाएगा। यह अस्थायी स्टेशन वर्धा मार्ग से शिवणगांव की ओर जानेवाले मार्ग में रसोई गैस सिलेंडर गोदाम के स्थान पर बनाया जाएगा। इससे एयर पोर्ट से सीपीएम ऑफिस तक लोगों को लाया जाएगा। प्राइट होटल पर बनाया जानेवाला स्टेशन पूरी तरह बन जाने के बाद यह अस्थायी स्टेशन हटा लिया जाएगा।

नागपुर मेट्रो के लिए मंगाई जानेवाली ट्रेनें पूरी तरह स्वचालित होंगी। इसमें सिग्नलिंग से लेकर अन्य सारे काम मेट्रो के माध्यम से किए जाएंगे। मेट्रो ट्रेन एटीओ(ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन-स्वचालित ट्रेन संचालन) तकनीक आधारित होगा। यह एक अल्ट्रा मॉडर्न ट्रेन होगी। कस्चूरचंद पार्क के पास एक सूचना केंद्र (इंफॉर्मेशन सेंटर) बनाया जाएगा। मेट्रो कोच की तरह दिखाई देनेवाले इस कोच में ऑडियो वीडियो डिस्प्ले प्रणाली के माध्यम से परियोजना से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी।

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उन्होंने साफ किया कि मॉरिस कॉलेज से लेकर कड़बी चौक तक मेट्रो जमीन से ऊपर ही चलेगी। लेकिन यहां सड़क पर ट्राफिक के भार को कम करने के लिए रेलवे की अनुसन्धान इकाई राइट्स को अध्ययनके लिए कहा गया था। राइट्स ने चूंकि इस सघन इलाके में सड़क चौड़ी करने, मेट्रो के ऊपर फ्लाईओवर बनाने आदि विकल्पों को संभवन कर पाने में दिक्कते बताते हुए जमीन के भीतर से सुरंग बनाने का सुझाव दिया है। 4 लेन सड़कवाली यह सुरंग तकरीबन 2 किलोमीटर लंबी होगी। इसकी अनुमानित लागत तकरीबन 680 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। कड़बी चौक से ऑटोमोटिव चौक तक फिर एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण) की ओर फिर ट्राफिक की सुगमता के लिए फ्लाईओवर मिल सकेगा। फिलहाल राइट्स द्वारा सौंपी गई फिजिबिलीटी (व्यवहारिकता) रिपोर्ट एनएचएआई को सौंपी गई है।

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अब यह एनएचएआई पर निर्भर है कि वह इसे मंजूर करता है या नहीं। मेट्रो रेल परियोजना में फिलहाल निर्माण का दौर चल रहा है। निर्माण के दौरान कॉन्ट्रैक्टर कम्पनियां तय समय के भीतर अपने काम कर के चले जाएगी। रोजगार के लिए यह अस्थायी विकल्प है। लेकिन नागपुर मेट्रो स्थानीय रोजगार देने के मौके नागरिकों के लिए लाएगी। इसके लिए नियमों और नियामकों का अध्ययन शुरू भी हो चुका है। परियोजना संचालन के लिए स्थायी कर्मचारियों की जरूरत होगी। इस काम के लिए एक कम्पनी को नियुक्त कर रोजगार दिया जाएगा। शुरुआती 10 किलोमीटर के रूट के तैयार हो जाने के बाद स्थानीय रोजगार की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अप्रैल बाद ही रोजगार मिलने की संभावना बन पाएगी।