
अधिकारियों के अनुसार, विमान ने सुबह 6:50 बजे उड़ान भरी थी। लेकिन कुछ ही देर बाद विमान के सामने वाले हिस्से से एक विशाल पक्षी टकरा गया। पायलटों ने सतर्कता दिखाते हुए विमान को सुरक्षित नागपुर हवाई अड्डे पर वापस उतारा। सभी यात्री सुरक्षित बताए गए हैं।
हालांकि, यह घटना हवाई अड्डे के आसपास मौजूद मटन मार्केट्स की ओर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय निवासियों और जानकारों का कहना है कि खामला और जैताला इलाके में मौजूद मटन मार्केट्स हवाई अड्डे के टेकऑफ ज़ोन के बेहद करीब हैं। इन मार्केट्स से निकलने वाला मांस का कचरा और अवशेष बड़ी संख्या में पक्षियों को आकर्षित करता है। छोटे पक्षियों के साथ-साथ बड़े पक्षियों के झुंड भी यहां मंडराते हैं, जिससे विमान सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडराता है।
सवाल उठता है कि नागपुर महानगर पालिका (NMC), जिला प्रशासन और हवाई अड्डा प्राधिकरण अब तक इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा पाए? क्या वे किसी बड़ी दुर्घटना का इंतज़ार कर रहे हैं?
एक चिंतित स्थानीय नागरिक ने कहा – “आज का हादसा चेतावनी है। यात्रियों की सुरक्षा को यूं ही जोखिम पर नहीं छोड़ा जा सकता।”
विशेषज्ञ बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय विमानन सुरक्षा मानकों के अनुसार हवाई अड्डों के पास खुले कचरा डंप या मांस बाज़ारों की अनुमति नहीं होती, ताकि पक्षियों की भीड़ न जुटे। नागपुर हवाई अड्डे से रोज़ाना कई उड़ानें संचालित होती हैं, ऐसे में इस समस्या का त्वरित समाधान नहीं हुआ तो नतीजे बेहद खतरनाक हो सकते हैं।
फिलहाल इंडिगो फ्लाइट के यात्री सुरक्षित बच गए, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन को आगाह कर दिया है कि समय रहते कार्रवाई करना बेहद ज़रूरी है। खामला और जैताला जैसे इलाकों के मटन मार्केट्स को या तो बंद करना होगा या कहीं और स्थानांतरित करना होगा, वरना भविष्य में कोई बड़ा हादसा हो सकता है।









