Published On : Wed, Sep 6th, 2017

बिजली चोरी पर लगाम नहीं, खंडित बिजली जोड़ने वाला गिरोह सक्रिय

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नागपुर:
नागपुर शहर सहित पूरे जिले में बिजली कंपनियां बिजली चोरों पर लगाम लगाने में सफल नहीं हो पा रही हैं. इस अवैध धंधे में कुछ सफेदपोशों का गिरोह सक्रिय है जो कंपनियों की बिजली काटने की कार्रवाई के बाद उस ग्राहक से पैसे लेकर दोबारा बिजली कनेक्शन जोड़ देते हैं. मीटर के बाहर से सीधे कनेक्ट कर बिजली लेनी शुरू कर दी जाती है. बीते दिनों ऐसा मामला सामने आया है और फ्रेंचाइजी कंपनी ने संबंधित ग्राहक के खिलाफ पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया है.

शहर के बकायादारों द्वारा बिल का भुगतान नहीं करने और बिजली चोरी करने वाले ग्राहकों के खिलाफ कंपनी कार्रवाई करते हुए उनके बिजली काटने की कार्रवाई करती है लेकिन उसके बाद भी ऐसे लोगों द्वारा बिजली का उपयोग किया जा रहा है. ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो कंपनी की कार्रवाई के बाद ग्राहक से संपर्क कर पैसे लेकर बिजली कनेक्शन अवैध रूप से जोड़ देते हैं. हालांकि कंपनी द्वारा अब तक ऐसे किसी भी संदिग्ध को पकड़ा नहीं गया है लेकिन पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है.

सफेदपोशों का संरक्षण :- गत माह गणेशपेठ की एक दूकान मुंबई वड़ा-पाव पर 75,000 रुपए बिल बकाया होने के चलते फ्रेंचाइजी कंपनी एसएनडीएल ने बिजली काटने की कार्रवाई की थी. लेकिन जैसे ही कंपनी की टीम अपनी कार्रवाई कर वहां से लौटी तो उसने बिजली के खंभे से दोबारा बिजली शुरू करवा ली. परिसर के कुछ जागरूक नागरिकों ने उस दूकानदार और बिजली के खंभे से बिजली जोड़ने वाले की वीडियो तैयार कर कंपनी को भेज दी. उस वीडियो में खंभे से बिजली कनेक्शन जोड़ने वाला व्यक्ति एक पूर्व पार्षद के साथ दोपहिया वाहन में बैठकर वहां से जाता नजर आ रहा है. कंपनी ने उस दुकानदार के खिलाफ बिजली चोरी और अवैध रूप से बिजली कनेक्शन जोड़ने का मामला दर्ज करवाया है.

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सिर्फ दर्ज होते हैं मामले :- फ्रेंचाइजी कंपनी ने पिछले 2 महीनों में पुलिस में ऐसे 12 मामले दर्ज करवाए हैं जहां कंपनी द्वारा बिजली कनेक्शन काटने की कार्रवाई की गई थी और उसके बाद अवैध रूप से बिजली कनेक्शन जोड़ा गया. इनमें से किसी भी मामले में अब तक बिजली जोड़ने वाले पकड़े नहीं गए हैं. महावितरण के दस्ते समय-समय पर अकोड़े निकालने की कार्रवाई भी करते हैं लेकिन इसके बावजूद बिजली की चोरी थम नहीं रही है. ऊर्जा मंत्रालय द्वारा फीडरनिहाय फ्रेंचाइजी देने की योजना की घोषणा की गई थी ताकि बिजली चोरी पर नियंत्रण के साथ ही वैध कनेक्शन बढ़ाने और 100 फीसदी बिजली बिल वसूली की जा सके. लेकिन फीडर फ्रेंचाइजी की योजना लगता है खटाई में पड़ गई है. शहर में तीन जोन की वितरण व्यवस्था संभाल रही फ्रेंचाइजी कंपनी भी शहर के कुछ संवेदनशील इलाकों में बिजली चोरों पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं कर पा रही है. राजनीतिक दबाव और विशेष वर्ग पर ही कार्रवाई के आरोपों से बचने के लिए कंपनी हाथ बांधे बैठी है.

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