संवाददाता / तुषार मुठाल
बेला (नागपुर)। बेला के इतिहास में पहिली बार महिलाओं ने रौद्र रूप धारण करके विद्युत कार्यालय पर मोर्चा निकाला. इसके लिए व्यापारी संघटन ने अपनी प्रतिष्ठान बंद करके सहकार्य किया.
1964 को पहिली बार बेला में बिजली लाइन शुरू की गई. तब से विद्युत तारें सड चुकी है. साधारण हवा के झोके से भी तार टूट रहे है और विद्युत आपूर्ति खंडित हो रही है. कई वर्षों से विद्युत कंपनी से ग्राहकों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. कर्मचारियों का सहयोग नही मिलने से जनता में रोष निर्माण हो रहा है. इस संदर्भ में 7 जुलाई को बेला की महिलाओं ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था और चर्चा करने के लिए आमंत्रित भी किया था. लेकिन अधिकारियों ने किसी भी प्रकार की हरकत नही करने से बुधवार 22 जुलाई को अनुमती लेकर महिलाओं ने विद्युत कार्यलय पर मोर्चा निकाला. लेकिन कार्यालय में कोई भी अधिकारी मौजूद नही होने से जनता बौखला गई. जब तक कार्यालय में अधिकारी नहीं आते तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे ऐसा महिलाओं का कहना था. घंटो बाद विद्युत कार्यालय में अधिकारी पहुंचे. उसके बाद डी.वाय.एस.पी. राजपूत के उपकार्यकारी अभियंता राजेश मछले को फोन करने पर अभियंता कार्यालय पहुंचे. जहां उपकार्यकारी अभियंता मछले ने ग्रामस्थों से माफ़ी मांगी. इस मोर्चे में महिलाओं समेत पुरुष और व्यापारियों ने भी सहयोग दिया.
ग्रामस्थों की मांगे
24 घंटे के लिए थ्री फेज लाइन डाले, सड़े तारों को बदले, कर्मचारियों की संख्या बढ़ाये, सहाय्यक अभियंता मुख्यालय में रहे, बिजली बिल समय पर मिले, वार्षिक मेन्टेन्स नियमित रहे, गांव के पोल और तारें बदले, गांव और क्षेत्र के बिग़डे मीटर तुरंत लगाए, किसानों के तबेलों पर सिंगल फेज मीटर दे आदि मांगे उपकार्यकारी अभियंता राजेश मछले ने लिखित मान्य करके पत्र महिलाओं को सौंपा.