नागपुर: इन दिनों सोशल मीडिया में डॉक्टर और एम्बुलेंस सर्विस देनेवालों के बीच सेटिंग की ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है. इस ऑडियो क्लिप में शहर के ग्रीन केयर अस्पताल और छिंदवाड़ा के परासिया निवासी एम्बुलेंस चालक के बीच कमिशन की बातचीत है. बातचीत में ग्रीन हॉस्पिटल की उर्वशी एम्बुलेंस चालक ग्रुप के इंचार्ज रिंकू से कमिशन के तौर पर 10 हजार रुपए मांगती सुनाई दे रही है.
यही नहीं उस डॉक्टर ने एम्बुलेंसवाले को 20 परसेंट मरीज के टोटल बिल के बदले भी देने का लालच दिया. लेकिन डॉक्टर के इस नापाक सुनहरे लालच के जाल में एम्बुलेंस चालक नहीं फंसा. एम्बुलेंस सेवा वॉट्सअप ग्रुप ‘जागते रहो’ के एडमिन और एम्बुलेंस चालक रिंकू ने डॉक्टर के इस काली करतूत का पर्दाफाश करने की ठानी. रिंकू ने इस बातचीत की ऑडियोक्लिप के साथ पुलिस में शिकायत कर दी. बता दें शिकायत में रिंकू यहीं नहीं थमा. शिकायत में उसने यह भी बताया कि ना केवल उर्वशी बल्कि उसी अस्पताल के डॉ. नीलेश पाहुणे ने भी इसी तरह की ऑफर के लिए फिर से कॉन्टैक्ट किया था.
” Listen audio: Doctor in Conversation with Ambulance incharge”
बता दें कि अस्पताल के प्रबंधन प्रमुख अवधेश पाल ने भी इस ऑडियो क्लिप में संबंधित डॉक्टरों की आवाज उनकी होने की पुष्टि की है. लेकिन उन्होंने यह भी दावा किया कि यह बातचीत सही है और उनके व्यापारिक नीतियों का हिस्सा है. बाहरी मरीजों में लगातार गिरावट आ रही है. लिहाजा हमारी एक समन्वयक उर्वशी ने छिंदवाड़ा के एम्बुलेंस चालक से संपर्क किया था.
हमें ऐसा लगा कि एम्बुलेंस चालक कमिशन को देखते हुए अस्पताल में मरीजों को लाएंगे.जाहिर है कि हम अगर कमिशन देंगे तो उसके पैसे मरीज के बिल से वसूला जाता है ये एक व्यापारिक नीति है.
” Listen audio:”Hospital admin offerring commision”
न केवल डॉक्टर और एम्बुलेंस बल्कि अस्पताल प्रबंधन से भी मिले इस तरह के जवाब से यह साफ हो जाता है कि कैसे मुसीबत में फंसे मरीजों की लूट निजी अस्पतालों में की जाती है. जाहिर है की अस्पताल सेवा भाव का चोला उतार कर मरीजों से लूटखसोट की नई रीतियों को बिजनेस स्ट्रैटजी का हिस्सा बताने में लगे हुए हैं.