नागपुर: गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को फाइनेन्स पर दुपहिया वाहन दिलाने का झांसा देकर ठगने वाले 2 युवकों को क्राइम ब्रांच की यूनिट 2 ने गिरफ्तार किया है. दोनों ने दूसरों के नाम के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंकों से 9 दुपहिया वाहन खरीदे. पुलिस ने 5.60 लाख रुपये के वाहन जब्त कर लिए हैं.
पकड़े गए आरोपियों में मुदलियार लेआउट, शांतिनगर निवासी अरबाज उर्फ मोनू सलीम शेख (22) और ठाकुर प्लाट, बड़ा ताजबाग निवासी सैयद परवेज उर्फ मोनू सैयद नईम (31) का समावेश है. लक्ष्मीनगर, कलमना निवासी भूजेंद्र दल्लू वर्मा (36) की शिकायत पर शांतिनगर थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. अरबाज और परवेज दुपहिया वाहन फाइनेन्स करवाने का काम करते थे. भुजेंद्र को वाहन खरीदना था.
उन्होंने वेहिकल लोन लेने के लिए आरोपियों से संपर्क किया. आरोपियों ने उनसे पैन कार्ड, आधार कार्ड, इलेक्ट्रिक बिल और बैंक के 3 चेक लिए. उनके नाम पर लोन लेकर दुपहिया वाहन तो खरीद लिया, लेकिन भुजेंद्र को बताया गया कि बैंक ने आवेदन कैंसल कर दिया है. इसके बाद भुजेंद्र की पत्नी के दस्तावेज मांगे गए. उनके दस्तावेजों के आधार पर 2 और वाहन खरीदे गए, लेकिन वर्मा दंपति को कोई वाहन नहीं मिला. लोन के केस रद्द होने की जानकारी दी गई. किश्त नहीं भरे जाने के कारण कुछ महीने बाद बैंक के लोग वर्मा के घर पर आने लगे. रकम और वाहन की मांग करने लगे. तब धोखाधड़ी होने का पता चला. मामले की जानकारी मिलते ही यूनिट 2 ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
दर्जन भर लोगों के साथ हुई धोखाधड़ी
केवल वर्मा दंपति ही नहीं, इस तरह आरोपियों ने दर्जन भर लोगों को चूना लगाया है. आरोपियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पुलिस ने 9 वाहन जब्त किए हैं. आरोपी खुद को बैंक का सीजर बताते थे. फर्जी तरीके से खरीदे गए वाहनों को सीज्ड गाड़ियां बताकर लोगों को आधे-पौने दाम में बेच देते थे. बैंक से कागजी कार्रवाई करवाने के बाद दस्तावेज ट्रांस्फर करने का झांसा देते थे.
इस तरह आरोपियों ने वाहन खरीदने वालों के साथ भी धोखाधड़ी की. जांच के दौरान और भी प्रकरण बाहर आने का अनुमान है. डीआईजी नीलेश भरणे, डीसीपी गजानन राजमाने, एसीपी सुधीर नंदनवार और किशोर जाधव के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर अनिल ताकसांडे, एपीआई एस.आर. परतेकी, एएसआई सीतानाथ पांडेय, सुरेश ठाकुर, हेड कांस्टेबल विजय लेकुरवाड़े, कांस्टेबल सतीश पांडे, महेश कुरसुंगे, सतीश पाटिल, श्याम गोरले और अश्विन पिल्लेवान ने कार्रवाई को अंजाम दिया.