नागपुर: विवाह निश्चित होने के बाद अचानक आरोपी से मिलने के बाद युवती द्वारा की गई आत्महत्या को लेकर दायर मामले में जिला सत्र न्यायालय में पेश किए गए दोषारोप पत्र में तथ्य नहीं होने का हवाला देते हुए अजय डंडाले की ओर से अर्जी दायर की गई. इस पर सुनवाई के बाद भले ही निचली अदालत ने अर्जी ठुकरा दी हो, लेकिन इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की गई. जिस पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश रवि देशपांडे और न्यायाधीश अरुण उपाध्याय ने राज्य सरकार और संबंधित पुलिस थाने को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब दायर करने के आदेश दिए.
साथ ही अदालत ने दोषारोप पर सत्र न्यायालय में चल रही सुनवाई पर भी रोक लगाने के आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. राजेन्द्र डागा ने पैरवी की.
अभियोजन पक्ष के अनुसार 19 वर्षीय छात्र अजय डंडाले का 17 वर्षीय युवती के साथ प्रेम संबंध जुड़ गए थे जिसके चलते अजय ने युवती को विवाह करने का आश्वासन भी दिया था. 16 जनवरी 2016 को दोनों ने विवाह करने का निर्णय भी लिया था. लेकिन अचानक बाद में युवक ने विवाह करने से साफ इंकार कर दिया, जिससे लड़की की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने युवक को पुलिस थाना बुलाकर दोनों के बीच समझौता करने का प्रयास किया. यहां युवक ने विवाह करने की स्वीकृति दे दी. 17 जनवरी को युवक दोपहर 3 बजे के करीब युवती से मिलने के लिए उसके घर पहुंचा. युवती की मां ने दोनों को बात करते हुए देखा था, लेकिन उसके बाद से युवती गायब हो गई.
युवती गायब होने पर उसकी छानबीन की गई, जिसमें उसके द्वारा आत्महत्या किए जाने का खुलासा हुआ. 5 फरवरी को युवती की मां ने अजय के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कर ली. शिकायत में बताया गया कि युवक द्वारा विवाह नहीं करने के कारण ही आत्महत्या किए जाने का आरोप लगाया गया.