अंडरवियर की इलास्टिक से बनाई फांसी की रस्सी, पारिवारिक तनाव और छुट्टी न मिलने से था परेशान
नागपुर, मंगलवार: नागपुर सेंट्रल जेल में उस समय हड़कंप मच गया जब एक उम्रकैद की सजा काट रहे 54 वर्षीय कैदी ने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान तुलसीराम शेंडे के रूप में हुई है, जो गोंदिया जिले का निवासी था। वह भंडारा जिले में हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद 30 जून 2024 से सजा काट रहा था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तुलसीराम ने तीन चड्डियों की इलास्टिक को जोड़कर एक मजबूत फांसी की रस्सी बनाई और उसे जेल के शौचालय क्षेत्र में स्थित गोदाम से सटी खिड़की की ग्रिल में बांधकर आत्महत्या कर ली। घटना मंगलवार सुबह करीब 7:30 बजे की है, जब ड्यूटी पर तैनात जेल गार्ड ने शव को लटकते हुए देखा।
जेल अधीक्षक वैभव आगे ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया, “यह आत्महत्या की एक पूर्वनियोजित घटना प्रतीत होती है। शव मिलने के बाद तुरंत जेल प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई।”
छुट्टी न मिलने से था तनाव में
पुलिस सूत्रों के अनुसार, तुलसीराम को कोरोना काल के दौरान पैरोल पर एक बार छुट्टी मिली थी, लेकिन वह समय पर वापस जेल नहीं लौटा। उसे दोबारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जिसके बाद से उसकी सभी छुट्टी की अर्जियाँ अस्वीकार होती रहीं। पारिवारिक जिम्मेदारियों और छुट्टी न मिलने के चलते वह मानसिक रूप से तनावग्रस्त था। इसी हताशा के चलते उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
मामला दर्ज, जांच जारी
घटना की जानकारी मिलते ही धंतोली पुलिस मौके पर पहुंची। आत्महत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। पंचनामा और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। प्राथमिक जांच में यह आत्महत्या का मामला माना जा रहा है, लेकिन जेल के भीतर की परिस्थिति, CCTV फुटेज, गार्ड ड्यूटी रिपोर्ट आदि की भी विस्तृत जांच की जा रही है।
प्रशासन और प्रणाली पर सवाल
यह घटना जेल प्रशासन के लिए न केवल एक चेतावनी है, बल्कि यह गंभीर सवाल भी खड़े करती है कि जेलों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं, परामर्श (काउंसलिंग) और कैदियों की भावनात्मक स्थिति पर पर्याप्त ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है।
रिपोर्ट: रविकांत कांबले | नागपुर टुडे