Published On : Sat, Oct 4th, 2014

विधानसभा की जंग : युद्ध के लिए तैयार नागपुर के उम्मीदवार, अब होगा आर या पार!


नागपुर टुडे
. नागपुर के चुनावी कुरुक्षेत्र में सभी पार्टियों के योद्धा अंतिम जंग के लिए तैयार हैं. अब सभी उम्मीदवार अपनी अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं. मुकाबला कड़ा है और काफी पेचीदा भी. जरा सी चूक जीत की तमाम उम्मीदों को चूर-चूर कर सकती है, इसलिए अब हर कदम फूंक-फूंककर रखने का वक्त है.

विधानसभा चुनाव की उम्मीदवारी के लिए आवेदन जमा करने के अंतिम दिन अनेक नामों को अयोग्य घोषित किया गया, जिससे निरस्त किए गए उम्मीदवार असंतुष्ट बताए जा रहे हैं. सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी की गलती का भुगतान पक्ष के अधिकृत उम्मीदवारों को भुगतना पड़ेगा. दो दिन पहले सभी उम्मीदवारों को चिन्ह भी वितरित किए जा चुके हैं. ठीक 13 वें दिन यानी 15 अक्टूबर को मतदान होना है, इसलिए नागपुर जिले की सभी 12 विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार इस समय तूफानी प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं. पारंपरिक रूप से कांग्रेस और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी हैं, तो सेना और राकां दूसरे क्रमांक पर अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. तलाक के बाद इन पार्टियों का गणित बिगड़ा हुआ है. इस चुनाव में तीसरे क्रमांक पर कमोबेश बसपा और मनसे है. स्वाभाविक रूप से वोटों का बिखराव होना तय है. यकीनन जीत-हार के बीच कतरन का फासला होगा, जिससे मुकाबला रोचक बन पड़ा है.

नागपुर टुडे ने विधानसभा चुनाव में चिन्ह वितरण के पश्चात नागपुर के चुनाव क्षेत्रों का जायजा लिया. आइए डालते हैं एक नजर मुकाबले के मैदान पर…

Advertisement

मैदान में आमने-सामने
पूर्व नागपुर में भाजपा (कृष्णा खोपडे) और कांग्रेस(अभिजीत वंजारी), पश्चिम नागपुर में भाजपा(सुधाकर देशमुख) और कांग्रेस(विकास ठाकरे), उत्तर नागपुर में कांग्रेस(नितिन राऊत)-बसपा(किशोर गजभिये)-भाजपा(मिलिंद माने), मध्य में भाजपा(विकास कुंभारे)और कांग्रेस(अनीस अहमद), दक्षिण में कांग्रेस(सतीश चतुर्वेदी)-सेना(किरण पांडव)-राकां(दीनानाथ पडोले)-भाजपा(सुधाकर कोहले), दक्षिण-पश्चिम में भाजपा(देवेन्द्र फडणवीस) और कांग्रेस(प्रफुल गुरधे पाटिल) के मध्य कांटे की टक्कर है. वही रामटेक लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा सीटों में काटोल विधानसभा क्षेत्र में राकां(अनिल देशमुख) को सेना(राजू हेर्ने) सह भाजपा(आशीष देशमुख), हिंगणा विधानसभा क्षेत्र में राकां(रमेश बंग) और भाजपा(समीर मेघे), रामटेक विधानसभा क्षेत्र में भाजपा(मल्लिकार्जुन रेड्डी) और सेना(आशीष जैस्वाल),कामठी भाजपा(चंद्रशेखर बावनकुले) और कांग्रेस(राजेंद्र मूलक), उमरेड भाजपा(सुधीर पारवे)-कांग्रेस(संजय मेश्राम)-निर्दलीय(राजू पारवे)-सेना(जगन्नाथ अभयंकर) के मध्य मुख्य प्रतिस्पर्धा होनी है.

सावनेर में कांग्रेस की राह आसान
सावनेर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार(सोनबा मुसले) का नामांकन रद्द हो जाने के कारण कांग्रेस उम्मीदवार(सुनील केदार) की राह काफी आसान हो गई है,अब उन्हें अपने शेष निकटतम प्रतिद्वंद्वी से जीत का अंतर बढ़ाना ही शेष रह गया है.

ये उम्मीदवार बिगाड़ेंगे खेल
हालांकि प्रमुख प्रतिस्पर्धियों के अलावा सभी चुनाव क्षेत्रों में खेल बिगाड़ने वाले उम्मीदवार भी डटे हैं, जो सामान रूप से दोनों प्रतिद्वंद्वियों को नुक्सान पहुंचा सकते हैं. इनमे पूर्व से राकां के उम्मीदवार दुनेश्वर पेठे और सेना उम्मीदवार अजय दलाल, पश्चिम नागपुर में मनसे के प्रशांत पवार और राकां की प्रगति पाटिल, मध्य नागपुर में सेना उम्मीदवार सतीश हरड़े,निर्दलीय आभा पांडे और राकां के कामिल अंसारी, दक्षिण नागपुर में बसपा की सत्यभामा लोखंडे, निर्दलीय शेखर सवारबांधे, दक्षिण-पश्चिम में सेना के पंजू तोतवानी, राकां के दिलीप पनकुले आदि का समावेश है.

जोर का झटका…कहीं कम कहीं ज्यादा
नागपुर ग्रामीण के कामठी विस में सेना के तपेश्वर वैध,रामटेक विस में राकां के अमोल देशमुख,कांग्रेस के सुबोध मोहिते,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की रानी राजश्री देवी बुलंदशाह, पिजंटस एंड वर्कर्स पार्टी के राहुल देशमुख, हिंगणा विस में उम्मीदवार प्रकाश जाधव,कांग्रेस की कुंदा राऊत आदि पहले-दूसरे क्रमांक पर रहने वाले उम्मीदवार को कम-ज्यादा झटका दे सकती है.

– राजीव रंजन कुशवाहा

 

Representational pic

Representational pic

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement