Published On : Wed, Jan 10th, 2018

बकाया भुगतान नहीं तो सेवा थम सकती है

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Aapli Bus

नागपुर: मनपा परिवहन विभाग की नींव कही जानेवाली रेड बसों के तीनों ऑपरेटरों ने आज बड़े भारी मन से नागपुर मनपा आयुक्त और परिवहन व्यवस्थापक को एक पत्र लिख कर उन्हें पेमेंट ना किए जाने की सूरत में सेवा बंद करने का आल्टिमेटम दे डाला.

पत्र के माध्यम से सूचित किया कि ‘operational breakdown due to no funds ” expected any time…. for your information and necessary action .’ इस कदम से यह साफ़ हैं कि सक्षम परिवहन व्यवस्थापक न होने और अधिकार विहीन पदाधिकारी होने के कारण बस ऑपरेटरों को यह पहल करने की नौबत आन पड़ी है.

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बस ऑपरेटरों के पहले संरक्षक डिम्ट्स फिर परिवहन विभाग ने तो शुरुआत से ही उन्हें लावारिस छोड़ मनपा मुख्यालय के दर-दर भटकने के लिए मजबूर कर दिया था. इन तीनों ऑपरेटरों के एक-एक प्रतिनिधि रोजाना किसी न किसी के कक्ष में बकाया दिलवाने के लिए बैठे या गिड़गिड़ाते देखे गए हैं. दूसरी ओर परिवहन विभाग के दबाव में अपने करार के अनुसार जिम्मेदारियों को अंजाम देने के बजाय डिम्ट्स उक्त बस ऑपरेटरों के भुगतान में जुर्माना रूपी सेंध लगाने में जुटा रहा. इस कार्य की हौसला अफजाई के लिए परिवहन व्यस्थापक जब-जब डिम्ट्स के नागपुर प्रकल्प प्रमुख का आगमन होता था, तब-तब उनकी पीठ थपथपाते नज़र आते थे. परिवहन विभाग से मिली जानकारी अनुसार आज की सूरत में मनपा प्रशासन पर लगभग ३० करोड़ रुपए का बकाया परिवहन विभाग के सभी बस ऑपरेटरों का है. रेड बस ऑपरेटरों को अक्टूबर माह का औसतन ३०-३० लाख रुपए और नवंबर-दिसंबर माह का पूर्ण भुगतान ( लगभग २० करोड़ रुपए) नहीं किया गया है. इसके अलावा डिम्ट्स, ग्रीन बस ऑपरेटर, एसआईएस और यूनिटी को भी भुगतान नहीं हुआ है.

स्क्रो अकाउंट खोलना समय की मांग
विभाग के सूत्रों की माने तो मनपा परिवहन विभाग प्रमुख और डिम्ट्स के कारण रेड बस ऑपरेटरों के लिए स्क्रो अकाउंट नहीं खोल पा रही है. क्योंकि स्क्रो अकाउंट के खुलने के बाद उनके हाथ में कुछ नहीं रह जाएगा, तो दूसरी ओर परिवहन विभाग से होने वाली आवक का अन्य कामों के लिए मनपा प्रशासन उपयोग कर रही है. स्क्रो अकाउंट खोलने से यह राशि का अन्य कार्यों के लिए उपयोग बंद हो जाएगा. नियमानुसार स्क्रो अकाउंट खोलने के लिए ६० करोड़ की आवश्यकता है. यह राशि आज के दौर में प्रशासन के लिए बड़ी राशि हो सकती है, इसके लिए सत्तापक्ष को मुंबई दौड़ लगाकर जीएसटी में परिवहन व्यवस्था के लिए अनुदान बढ़वाना ही अंतिम पर्याय के रूप में देखा जा रहा है.

सक्षम व्यवस्थापक की सख्त जरूरत
परिवहन विभाग मार्फ़त लगभग सवा लाख नागरिकों को सेवाएं दी जाती हैं. विभाग प्रमुख को सेवाओं और सेवा की जरूरी निधि के लिए नियमित सकारात्मक समन्वय बनाते रहना चाहिए. वर्तमान व्यवस्थापक सिर्फ डिम्ट्स हितार्थ सक्रिय हैं. इस सन्दर्भ में गत २७ दिसंबर को भी आवाज उठी. डिम्ट्स की कार्यप्रणाली के कारण मनपा खजाने को लाखों में चूना लगा. लेकिन परिवहन व्यवस्थापक की चुप्पी से उसकी असक्षमता साफ़-साफ़ झलकी. आगामी आमसभा में भी परिवहन व्यवस्थापक संबंधी कई नगरसेवकों ने मुद्दे उठाने के लिए पहल की है. इसलिए मनपा प्रशासन और सत्तापक्ष वर्तमान व्यवस्थापक को उसके मूल विभाग भेज अन्य सक्षम जैसे तिवारी को नया व्यवस्थापक नियुक्त करना चाहिए.

…तो वंश की तर्ज पर आपली बस सेवा चलाएं
गत वर्ष २७ दिसंबर को मनपा मुख्यालय में परिवहन विभाग की खास अधिकारी-पदाधिकारियों की अहम् बैठक हुई थी, जिसमें यह सिफारिश की गई कि जिस मार्ग पर बसें चलाने में फायदा नहीं हो रहा, उन मार्गों को बंद कर देना चाहिए और जिन मार्गों पर लाभ हो रहा उन मार्गों पर बसें बढ़ा दी जानी चाहिए. अर्थात पिछले बस ऑपरेटर वंश भी सिर्फ लाभ के मार्गों पर बसें दौड़ा रहे थे, आज मनपा प्रशासन को उनका अनुसरण करने की सिफारिश की गई. प्रशासन ने उक्त सिफारिशों पर ध्यान दिया तो वर्तमान में शहर भर में दौड़ रही ३६० बसें भविष्य में कम हो जाएंगी. फिर मिनी बस और महिला स्पेशल बसें दौड़ाने का प्रस्ताव अधर पर लटक जाएगा.बताया जा रहा है कि अक्टूबर से बस ऑपरेटरों का भुगतान ही नहीं हुआ है.

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