नागपुर: मानेवाडा रोड के कैलाश नगर के डॉ. आंबेडकर कॉलेज ऑफ सोशल वर्क के विद्यार्थीयो ने कॉलेज के खिलाफ मंगलवार रात से बुधवार तक आंदोलन और प्रदर्शन किया. बताया जा रहा है कि कॉलेज की तरफ से स्टडी टूर के लिए 3700 रुपए लिए गए थे. जिसमें वर्धा, पंढरपुर, गोवा, गणपतिपुले आदि जगह के लिए स्टडी-टूर निकाला गया था. जिसमें विद्यार्थियों को काफी परेशानियों और अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. विद्यार्थियों का कहना था कि 50 सीटर बस में 60 बच्चों को ले जाया गया. जिससे पूरे ट्रिप में विद्यार्थियों को तकलीफ़ों का सामना करना पड़ा. जिसके चलते बचे हुए 10 बच्चों को बस के पैसेज पर बैठ कर सफर तय करना पड़ा.
नागपुर छोड़ते ही इन विद्यार्थियों को खाने की तकलीफ होने लगी. विद्यार्थियों को एक समय भी खाना ठीक से नही दिया गया और खाने में इल्ली, दाल में कीड़े, खाना कच्चा निकलने की भी शिकायत विद्यार्थियों द्वारा की गई. जैसे पूरा प्रोग्राम तय हुआ था जो विद्यार्थीयो को पहले बताया गया था. उस हिसाब से कुछ भी इंतजाम नही थे. ठहरने और टूर आपरेशन में के बारे में कॉलेज प्रशासन के 8 लोग जो साथ गए थे किसी को कुछ भी पता नही था. बच्चों द्वारा कुछ भी पूछे जाने पर ये लोग एक दूसरे को देखने लगते थे.
विद्यार्थियों ने बताया कि लंबा सफर होने के चलते 2 ड्राइवर होने चाहिए थे पर 1 ही ड्राईवर गाड़ी दो-दो दिन तक चला रहा था. जिससे विद्यार्थियों को दुर्घटना की दहशत बनी हुई थी. विद्यार्थियों को सिर्फ और सिर्फ घुमाने का काम किया गया आराम करने का वक़्त नही मिला. कॉलेज प्रशासन द्वारा यह बोलकर ले जाया गया था कि हर जगह सोने के लिए गद्दी मिलेगी लेकिन इन विद्यार्थियों को इतनी ठंड में दरी पर ही सुलाया गया. शौच के लिए भी छात्राओं को खुले में जाना पड़ा. इस तरह की कॉलेज द्वारा बदइंतजामी के कारण छात्र नाराज़ हुए और बच्चों द्वारा शिकायत करने पर उन्हें कॉलेज से निकलने, इंटरनल मार्क्स काटने, मां-बाप को बुलाने आदि धमकी कॉलेज प्रशासन द्वारा देना शुरू हो गया.
टूर के दौरान कई विद्यार्थी बीमार पड़ गए. जिन पर कॉलेज प्रशासन ने ध्यान नही दिया. शेष विद्यार्थियों ने ही बीमार विद्यार्थियों का इलाज कराया. कॉलेज प्रशासन की इस लापरवाही और बदइंतजामी के चलते विद्यार्थियों ने नागपुर पहुंचते ही बस से उतरने से मना कर दिया और जब तक इनके साथ हुए बरताव, मानसिक प्रताड़ना के लिए माफी और कॉलेज द्वारा लिए गए 3700 रुपए वापस करने की मांग को लेकर गाड़ी से उतरने से मना कर दिया. पुलिस के बार-बार फोन लगाने पर भी कॉलेज प्रशासन के मुख्य लोगों में से किसी ने भी विद्यार्थियों से मिलने की जहमत नही उठायी और साथ में टूर पर जो 8 लोग साथ गए थे वो एक-एक कर के चले गए. फिर कॉलेज प्रशासन ने पुलिस बुला ली और विद्यार्थीयो की शिकायत करने लगे. जिसके बाद पुलिस के बहुत मनाने पर भी बच्चे नहीं हटे और रात भर कॉलेज के बाहर ही बैठे रहे.

