नागपुर: शनिवार को मिहान में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट का शिलान्यास होने वाला है। पर इस प्लांट के उद्धघाटन के ठीक पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार ने बाबा को जमीन उपलब्ध कराने को लेकर भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया है। राज्य सरकार ने बाबा रामदेव को 25 लाख रूपए एकड़ की दर से करीब 252 एकड़ जगह उपलब्ध करा कर दी है। जिस पर मुत्तेमवार ने आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि अन्य उद्योगपति और बाबा में सरकार भेद कैसे कर सकती है। स्पेशल इकॉनोमिक ज़ोन (सेज़) में बाजार भाव एक करोड़ रूपए का है तो बाबा पर इतनी मेहरबानी क्यूँ? सरकार की वजह से एमआईडीसी को करीब 170 करोड़ का नुकसान हुआ है। कल ही सरकार ने एचसीएल को 45 लाख रूपए एकड़ से जमीन दी है, फिर बाबा को इतने कम भाव में जमीन किस आधार पर दी गई। इतना ही नहीं इस व्यापारिक डील के बाद राज्य सरकार ने ही नुकसान की भरपाई के लिए मिहान में उपलब्ध जमीन का रेट 15 फीसदी बढ़ा दिया है। यानि मिहान में एक एकड़ जमीन का भाव वर्तमान में 65 लाख एकड़ है तो अब जो भी उद्योगपति जमीन खरीदेगा उसे 15% ज्यादा देना होगा। यह सरासर अन्याय है। राज्य सरकार नियमो को ताक पर रखकर अपने चहितो को फायदा पंहुचा रही है। मिहान को नागपुर में स्थापित करने का काम कांग्रेस ने किया इस दौरान विमानन क्षेत्र की प्रतिष्टित कंपनी स्थापित एयर बस ने 500 एकड़ सस्ती दर पर जगह माँगी थी पर सरकार ने नहीं दी।
दरअसल बाबा को फायदा पहुंचना भाजपा पर लोकसभा-विधानसभा चुनाव के वक्त उनके द्वारा किये गए चुनाव प्रचार का कर्ज उतारने की कोशिश है। भारत ऋषियों का देश है पर टीवी पर विज्ञापन करने वाला, व्यापर करने वाला ऋषि पहली बार दिखाई दिया है। बाबा अब योगाचार्य नहीं उद्योगपति हो गए है। उनके व्यापर में भाजपा की सरकार मदत कर रही है।
बाबा-सरकार की डील की हो सीबीआई जांच, जरुरत पड़ने पर खटखटाएंगे अदालत का दरवाजा
विलास मुत्तेमवार ने बाबा रामदेव को जमीन देने की प्रक्रिया की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया की नियमो को ताक पर रखकर सरकार से जमीन दी है। इस सौदे को लेकर तीन बार टेंडर प्रक्रिया किये जाने की जानकारी सरकार दे रही है पर यही प्रक्रिया कब और कैसे हुई इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि टेंडर प्रक्रिया किसी भी कंपनी ने भाग नहीं लिया यह हास्यास्पद है। फ़ूड प्रोसिसिंग को लेकर देश में कई कंपनिया काम कर रही है। वैसे भी बाबा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का साथ है तो कौनसा उद्योगपति सरकार के खिलाफ जाने की हिम्मत जुटाएगा। इस प्लांट से विदर्भ में आयुर्वेद उद्योग के बढ़ाने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है। पर सवाल ये है की बाबा की कंपनी के काफी पहले से बैद्यनाथ, विको, झंडू, डाबर जैसी कंपनिया काम कर रही है तो उन्हें क्यूँ इस तरह की मदत नहीं की गई। इसलिए वो इस पूरी प्रक्रिया की सीबीआई जाँच की माँग करते है अगर जरुरत पड़ी तो वह अदालत भी जायेगे। चुनाव के दौरान भाजपा ने सबका साथ सबका विकास का नारा दिया था पर अब यह नारा बदलकर भाजपा का साथ बाबा का विकास हो चूका है।
नाकामी छुपाने पीटा जा रहा है ढिंढोरा
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने लोकसभा चुनाव के दौरान जीतने पर मिहान में 50 हज़ार युवको को रोजगार दिलाने का वादा किया था पर वास्तव में यहाँ 100 लोगो को भी रोजगार नहीं मिला। अपनी इसी नाकामी को छुपाने के लिए प्लांट के शिलान्यास कार्यक्रम को ग्लैमराइज किया जा रहा है। आने वाले दौर में स्थानीय निकाय है तो भाजपा अपना काम इसी तरह की मार्केटिंग से कर रही है। देश में कई कंपनियों के शिलान्यास और उद्घाटन के कार्यक्रम होते है पर यह पहला मौका है जब किसी निजी कंपनी के शिलान्यास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है और सारी सरकारी यंत्रणा इसमें लगी है। इस आयोजन में 10 करोड़ रूपए खर्च होने वाले है। यह खर्च कौन कर रहा है यह भी सार्वजनिक होना चाहिए।
मुत्तेमवार के मुताबिक बाबा को इस प्लांट के लिए विदर्भ में और कही सस्ती जमीन भी उपलब्ध कराई जा सकती थी जो नहीं किया गया। इतना ही नहीं विदर्भ में करीब 1 हजार एकड़ जगह कौड़ियो के दाम में राज्य सरकार बाबा को देने वाली है।