Published On : Wed, Jun 23rd, 2021

मनपा लोककर्म व वित्त विभाग ने बोगस खाते में किया भुगतान

– सीमेंट सड़क फेज-2 अंतर्गत पॅकेज 17-18 के विवादित ठेकेदार कंपनी मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा और दोषी अधिकारियों को संरक्षण दे रहा सम्पूर्ण मनपा प्रशासन,क्या सम्पूर्ण दाल ही काली हो चुकी हैं,RTI कार्यकर्ता जल्द ही मुख्यमंत्री,नगरविकास मंत्री,पालकमंत्री और सूचना आयोग में मामला ले जाकर सरकारी राजस्व व व्यवस्था को चुना लगाने वालों पर कड़क कार्रवाई की मांग करेगा

नागपुर – नागपुर महानगरपालिका नियम के बजाय परंपरा के तहत संचलन किया जाता,जिसका जिक्र अमूमन प्रत्येक आमसभा में घाघ जनप्रतिनिधियों से कामकाज के दौरान किया जाता रहा.शायद इसलिए गुणवत्ता न रहने के बावजूद किसी को भी पदोन्नत या स्वतंत्र कक्ष दे दिया जाता और तो और टेंडर भी नियम को दरकिनार कर दे देना,परंपरा का ही हिस्सा बन चूका हैं.इसके बाद विवादास्पद अधिकारी/पदाधिकारियों के निर्देश पर ठेकेदारों के मनमाफिक खातों में भुगतान भी करवाने का सिलसिला जारी हैं.

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ऐसा ही एक प्रकरण पिछले साल सितंबर माह में प्रकाश में आया,कार्रवाई के नाम पर फर्जी रिपोर्ट तैयार की गई और जिस पर मनपा प्रशासन अर्थात मुंढे भक्त कुंडली मार बैठा हैं तो दूसरी ओर इनके ढुलमुल नीत के कारण प्रभारी मुख्य अभियंता – पूर्व स्थाई समिति सभापति दोषी ठेकेदार कंपनी को FINAL PAYMENT दिलवाने के लिए प्रयासरत हैं.

यह इसलिए भी हो रहा क्यूंकि मनपा में मुंढे,मुद्गल और विशेष कर वीरेंद्र सिंह जैसा आयुक्त फ़िलहाल नहीं हैं,गर उनके कार्यकाल में उक्त मामला सार्वजानिक हुआ होता तो सारे सबूत देने के बाद कार्रवाई करने में 9 माह तो नहीं लगते। इस मामले में एक ही जनप्रतिनिधि जागरूक दिख रहा,वह हैं पूर्व महापौर संदीप जोशी,जिसने लगातार पत्र व्यवहार कर मनपायुक्त,महापौर,मुख्य अभियंता और लेखा व वित्त विभाग प्रमुख से कार्रवाई की मांग करते रहे,इनके भी पत्र को तरजीह नहीं देना अर्थात सत्तापक्ष की प्रशासन पर पकड़ कमजोर होने के संकेत नज़र आ रहे.

याद रहे कि उक्त मामला सीमेंट सड़क फेज-2 अंतर्गत पॅकेज 17-18 का ठेका मुंबई की विवादित ठेकेदार कम्पनी मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा डेवलपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को स्थानीय विवादित ठेकेदार कंपनी मेसर्स DC GURBAXANI के सिफारिश पर दिया गया.क्यूंकि सीमेंट सड़क निर्माण का अनुभव DC GURBAXANI को नहीं था,इन्हीं के पहल पर सीमेंट सड़क फेज-2 के निर्माण में ‘JV’ का शर्त लाया गया.यह टेंडर DC को मिले इसलिए फौरी तौर पर मेसर्स अश्विनी इंफ़्रा का कागजात लगाकर और तत्कालीन अधिकारी-पदाधिकारी सह पक्ष को तोल कर ठेका हासिल किया।

ऊतक ठेकेदारों ने टेंडर शर्तो के हिसाब से एक भी शर्ते पूरी नहीं की,लेकिन करने का आश्वासन पत्र जरूर दे दिया था.क्यूंकि मनपा नियम के बजाय परंपरा के हिसाब से चल रही थी इसलिए किसी ने DC के कारनामों में अड़ंगा नहीं डाला,इस क्रम में तत्कालीन स्थाई समिति सभापति को चुनाव लड़ने के लिए 10 लाख अलग से दिए साथ ही अमूमन सभी सड़क तत्कालीन सभापति के घर के चारों ओर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी.

पॅकेज 17 अंतर्गत 24-11- 2016 से 23-4-2019 तक 9 दफे कुल 91543089 रूपए और पॅकेज 18 अंतर्गत 21-11-2016 से 7-11-2019 तक 8 दफे 74883582 रूपए नियमानुसार JV खाते में जमा करने के बजाय DC GURBAXANI के AXIS बैंक के खाते में डाले गए,भुगतान मामले पर कागजातों पर DC GURBAXANI JV लिखा जाता था.क्यूंकि JV खाते संबंधी टेंडर शर्ते पूरी नहीं की गई थी,नियमानुसार JV खाते में ही भुगतान किया जाना चाहिए था.
अब एक तरफ जाँच के नाम पर फर्जी रिपोर्ट तैयार करवाई गई और आयुक्त कार्रवाई नहीं कर रहे यह प्रचारित किया जा रहा तो दूसरी तरफ प्रभारी CE सह सहयोगी पूर्व स्थाई समिति सभापति उक्त ठेकेदार कंपनी को FINAL BILL दिलवाने के लिए ताकत झोंक रहे.इसके लिए RTI कार्यकर्ता को तरह तरह से अड़ाया जा रहा.

उल्लेखनीय यह हैं कि उक्त मामले को लेकर पूर्व महापौर संदीप जोशी ने 3 दफे संगीन संदेह प्रकट करते हुए प्रशासन सह जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यानाकर्षण करवाया हैं लेकिन उनके पत्र को तरजीह नहीं दे रहा अर्थात सत्तापक्ष में ही बड़ी फुट शिष्टाचार के साथ दिख रही.नतीजा प्रशासन अपनी मनमानी करने में मदमस्त हैं.इसके बावजूद RTI कार्यकर्ता ने मांग की हैं कि आयुक्त रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई करने के बजाय एक बार रिपोर्ट की समीक्षा करें या करवाए कि RTI कार्यकर्ता का आरोप अनुसार उसका जवाब संतोषजनक हैं या नहीं।क्यूंकि इसी काम के भरोसे DC GURBAXANI को अनुभव पत्र जारी कर फेज-3 का ठेका स्वतंत्र रूप से दिया गया।

जल्द ही RTI कार्यकर्ता मुख्यमंत्री,नगरविकास मंत्री,पालकमंत्री और सूचना आयोग में मामला ले जाकर सरकारी राजस्व व व्यवस्था को चुना लगाने वालों पर कड़क कार्रवाई की मांग करेगा।

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