– RTI कार्यकर्ता संजय अग्रवाल को उपलब्ध करवाई गई जानकारी
नागपुर– नागपुर मनपा के जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग का कहना है कि इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है कि शहर का 116.50 MLD UNTREATED SEWAGE WATER कहाँ बह रहा है,बेहद आश्चर्य की बात हैं.
आरटीआई कार्यकर्ता संजय बद्रीप्रसाद अग्रवाल के एक आरटीआई के जवाब में कहा कि शहर में प्रतिदिन लगभग 520 एमएलडी सीवरेज पानी तैयार हो रहा है। इसमें से NMC और NIT मिलकर 403.5 MLD का ट्रीटमेंट कर रहे हैं।
अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने PHE विभाग से कुल सीवरेज पानी के उत्पादन, उसके उपचार और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त नोटिस के बारे में चार सवालों के जवाब मांगे थे. हालांकि,मनपा ने शहर में कितना सीवरेज पानी पैदा कर रहा है, ट्रीटमेंट प्लांटों की वर्तमान क्षमता,एमपीसीबी से प्राप्त नोटिस और भविष्य की योजना क्या है, सहित सारी जानकारी उपलब्ध करवाई।
दो महीने तक जवाब देने में देरी करने के बाद पीएचई विभाग में अपील के बाद जानकारी दी गई कि उसे पता नहीं है कि UNTREATED WATER कहाँ जा रहा है और यह भी जानकारी दी कि इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है।
दूसरी ओर विभाग ने एमपीसीबी को प्राप्त नोटिस और उसके जवाब को साझा किया जो स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि अभी भी UNTREATED WATER नदी में छोड़ा जा रहा है।
हकीकत में कन्हान नदी में UNTREATED WATER नहीं छोड़ने के बंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ के आदेश की अवमानना है। यहां तक कि एमपीसीबी ने भी इस संबंध में मनपा को कम से कम दो नोटिस दे चुके हैं।
मनपा के जन स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग की कार्यकारी अभियंता श्वेता बनर्जी ने आरटीआई के जवाब में कहा कि 520 एमएलडी सीवेज पानी में से मनपा लगभग 340 एमएलडी का TREAT कर रहा है, जबकि NIT के आठ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगभग 63.5 एमएलडी सीवेज पानी का TREAT कर रहे हैं।
पीएचई विभाग के अनुसार, शहर को 3 सीवरेज जोन में बांटा गया है और सभी तीन जोन 70% क्षेत्र में सीवरेज नेटवर्क है। सीवर लाइनों की लंबाई लगभग 1670 किमी है, जिसका व्यास 150 मिमी से 1800 मिमी तक है।
वर्तमान में मनपा भांडेवाड़ी में मौजूदा दो एसटीपी और मोक्षधाम (नाग नदी) और मानकापुर (पीली नदी) में 5 एमएलडी,यानि कुल 340 एमएलडी गंदे पानी का TREATMENT कर नाग नदी, पोहरा नदी और पीली नदी में छोड़ा जा रहा है।
TREATED WATER में से 130 एमएलडी और 190 एमएलडी तीसरी दफा TREATED WATER के बाद उस पानी को महाजेनको के कोराडी थर्मल पावर स्टेशन और खापरखेड़ा थर्मल पावर स्टेशनों को पुन: उपयोग के लिए दिया जा रहा है। मनपा को बिजली कंपनियों से सालाना 45 करोड़ रुपये का राजस्व भी मिल रहा है।
भले ही एनएमसी 320 एमएलडी सीवरेज पानी को ट्रीट करने का दावा कर रही है, लेकिन ट्रीटेड सीवेज को वापस नाग नदी में छोड़ने की अवधारणा तभी प्रभावी होगी जब नाग नदी के किनारे पर्याप्त संख्या में एसटीपी होंगे जहां सीवेज की महत्वपूर्ण मात्रा को ट्रीट किया जाएगा।
पर्यावरण क्षेत्र में सक्रीय कार्यकर्ता भूमिका गौतम मेश्राम के अनुसार वर्तमान में, TREATED सीवेज को वापस नाग नदी में छोड़ने से नाग नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा क्योंकि नाग नदी में बहने वाले UNTREATED सीवेज की मात्रा TREATED SEWAGE को वापस नाग नदी में छोड़ने की तुलना में बहुत अधिक है।
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि हमारे शहर का UNTREATED SEWAGE नाग, पीली और पोहरा नदी से बह रहा है, जो जल निकायों को नीचे की ओर प्रदूषित कर रहा है।