Published On : Wed, Apr 4th, 2018

जल संकट मुक्ति हेतु मनपा को भी मिले वाटर हार्वेस्टिंग के लिए निधि

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NMC Nagpur
नागपुर: जिले के ग्रामीण भागों में गर्मी के महीनों में जलसंकट से निपटने के लिए की गई उपाययोजनाओं को 30 जून तक किसी भी हालत में पूरा करने का निर्देश पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जिला परिषद सभागृह में आयोजित बैठक में दिया. बैठक में विधायक सुनील केदार ने ग्रामीण इलाकों में उपलब्ध वाटरसोर्सेस को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से रिचार्ज करने का अभियान शुरू करने का सुझाव दिया. इस पर पालकमंत्री ने संबंधित अधिकारी को 1 महीने में इस संदर्भ में प्रस्ताव सादर करने का निर्देश दिया. इसके उपरांत पालकमंत्री ने कहा कि डीपीसी के माध्यम से नाविन्यपूर्ण योजना के तहत इस कार्यक्रम के लिए आवश्यक निधि दी जाएगी. पालकमंत्री के इस निर्देश पर शहर के जागरुक नागरिकों ने भी शहर में वॉटर हार्वेस्टिंग हेतु विशेष निधि मुहैया करवाने की मांग पालकमंत्री से की.

कल संपन्न हुई बैठक में सावनेर के विधायक सुनील केदार ने कहा कि हमेशा नए बोरवेल खुदाई करने के अलावा अगर उपलब्ध बोरवेल को रिचार्ज करने के लिए हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाया जाए को संकट से निपटा जा सकता है. उन्होंने ग्राम पंचायत इमारत, शालाओं, आंगनवाड़ी इमारतों आदि में वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से वाटरसोर्स को रिचार्ज करने की योजना अमल में लाने का सुझाव दिया. इस पर पालकमंत्री ने संबंधित अधिकारी को 1 महीने में इस संदर्भ में प्रस्ताव सादर करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि डीपीसी के माध्यम से नाविन्यपूर्ण योजना के तहत इस कार्यक्रम के लिए आवश्यक निधि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि जिले में 1769 नए बोरवेल की खुदाई की जा रही है. इन बोरवेल के समीप भूजल सर्वेक्षण यंत्रणा के माध्यम से जलपुनर्भरण की महत्वाकांक्षी योजना कार्यक्रम अंतर्गत वाटर रिचार्ज शाफ्ट, रेनवाटर हार्वेस्टिंग या छोटा तालाब निर्माण किया जाएगा. सभी तहसीलों में पुराने या नए बोरवेल के समीप इन उपाययोजना का प्रस्ताव 1 महीने में सादर करने का निर्देश उन्होंने दिया.

शहर के जागरुक नागरिकों के अनुसार शहर की प्यास और दिनचर्या हेतु दो प्रमुख जलस्त्रोत थे. अंबाझरी और गोरेवाड़ा, पिछले कुछ वर्षों में अंबाझरी से एमआईडीसी व एसआरपी और गोरेवाड़ा से गर्मी के दिनों भीषण संकट के दिनों में जलापूर्ति की जा रही. अर्थात शहर के पास अपना कोई ठोस जलस्त्रोत नहीं है. शहर के बढ़ती आबादी के मद्देनज़र शहर के जमीन तले उपयुक्त जल संरक्षण हेतु वॉटर हार्वेस्टिंग उपाययोजना की नितांत आवश्यकता है. इसके लिए पालकमंत्री शहर मनपा को भी विशेष निधि उपलब्ध करवाएं, क्यूंकि वे शहर के भी पालक हैं और शहर भी भीषण जलसंकट के साये में है. इन जागरूक नागरिकों ने मनपा प्रशासन और सत्तापक्ष से मांग की है कि उक्त समस्या निवारण के लिए पालकमंत्री के समक्ष प्रस्ताव पेश कर निधि प्राप्ति हेतु प्रयास करें ताकि अगले वर्ष जलसंकट से निजात मिल सके. उक्त ज्वलंत समस्या पर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी समझ से परे है.