Published On : Fri, Mar 3rd, 2017

सांसद संचेती के दत्तक गांव में लोग पानी को तरस रहे हैं

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नागपुर:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांव दत्तक लेने की योजना अमल में लाई थी। जिसके बाद सभी विधायकों और सांसदों ने गांव गोद लिए और उस गांव का विकास करने का प्रण लिया। लेकिन कितने गांव ऐसे है। जिनका विकास हुआ है या फिर ऐसे जहां सांसद उस गांव पंहुचे ही नहीं । ऐसा ही एक गांव वागधरा है। जो नागपुर से 18 किलोमीटर की दूरी पर है। कुछ साल पहले इस गांव को राज्यसभा के सांसद अजय संचेती ने गोद लिया था। लेकिन 3 साल से इस गांव में लोग पेयजल के लिए तरस रहे हैं। गांव में नल तो है लेकिन पानी कुछ मिनटों के लिए ही आता है। 6 हैंडपंप है। जिसमें से 4 में ही पानी आता है। बाकी दो हैंडपंप खराब पड़े हैं। ज्यादा गर्मी पड़ने पर हैंडपंप का पानी भी सुख जाता है। ऐसे में गांव के समीप से गुजरने वाली पानी की बड़ी पाइपलाइन से पानी ‘चुराकर’ लोग अपनी जरुरत पूरी करते हैं।

इस गांव की जनसंख्या 7 हजार है। गांव में 3 वार्ड हैं। वार्ड क्रमांक 3 में पानी की समस्या सबसे ज्यादा है। इस वार्ड में गन्दगी और सड़क की समस्या भी है। नागरिकों ने अपनी समस्याएं गांव की सरपंच कल्पना फूलकर से कई बार बताई, शिकायत भी की लेकिन उन्होंने कोई प्रतिसाद नहीं दिया।

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यहाँ के ग्रामीण तहसीलदार से लेकर बीडीओ तक यहां के लोग अपनी समस्या लेकर पहुंचे। लेकिन उन्होंने भी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया। दो दिन पहले गांव के लोगों ने ग्रामपंचायत में मटका फोड़ कर अपना विरोध दर्शाया था । लेकिन फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है। गांव के नागरिकों के अनुसार सांसद अजय संचेती 3 साल में एक ही बार यहां आए थे। लेकिन उसके बाद वे कभी भी इस गांव में नहीं आए।

मंगला शिवरकर 

गांव की निवासी मंगला शिवरकर ने बताया कि उनके वार्ड में पानी की भीषण समस्या है। समस्या को लेकर जब पंचायत समिति के सदस्य के पास जाते हैं तो वह कहते है पहले वोट देना बाद में आपको पानी देंगे।

मनोज सिंह

वागधरा गांव के ही मनोज सिंह ने बताया कि वार्ड क्रमांक 1 और 2 फिर भी थोड़ा-बहुत पानी आता है। लेकिन वार्ड क्रमांक 3 में पानी के लिए लोगों को परेशान होना पड़ता है। गांव की सरपंच कभी भी वार्ड में नहीं आती। उन्होंने बताया कि अजय संचेती ने गांव गोद लिया है। लेकिन गांव का विकास जरा भी नहीं हुआ है। प्रभाग की ग्रामपंचायत सदस्य रेखा वैद्य ने बताया कि पानी की समस्या ३ नं. वार्ड में ज्यादा है। लेकिन उसके साथ ही गटर और रोड नहीं होने से भी ग्रामवासियों को परेशान होना पड़ता है।

देवेंद्र वानखेड़े

गांव की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रयत्न कर रहे आम आदमी पार्टी के सयोंजक देवेंद्र वानखेड़े ने बताया कि प्रधानमंत्री की गाँव दत्तक योजना के बाद सभी सांसदों ने और विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में एक-एक ऐसे गांव गोद लिए जो अविकसित और पिछड़े हुए थे। सांसद अजय संचेती ने भी इसी उपक्रम की तहत वागधरा गांव को गोद लिया था, लेकिन 3 साल बाद भी इस गाँव के लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं।

महेंद्र जुवारे

हिंगना के ब्लॉक डेवलपमेंट अफसर महेंद्र जुवारे से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास पिछले तीन साल से पीने के पानी की शिकायत नहीं आयी है। कल ही उन्हें इस बारे में शिकायत मिली है। वाटर सोर्सेज के लिए गांव में 3 कुँए और हैंडपंप है। लेकिन गर्मी में वाटर लेवल कम होने से दिक्कत आती है। हर साल पीने के पानी की किल्लत के लिए प्लान बनाया जाता है। गांव में अगर पानी की समस्या है तो उन्हें पानी दिया जाएगा।

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