Published On : Tue, Feb 24th, 2015

रामटेक : सड़क पर शव रखकर गांववासियों का उग्र आंदोलन

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वन विभाग के खिलाफ जनता में आक्रोश 

सुबह से शुरू था आंदोलन
राष्ट्रीय मार्ग पर वाहनों का भीड़

Raamtek
रामटेक (नागपुर)। वन विभाग के कर्मचारियों ने की गोलीबारी में मारे गए हरी सुंदरलाल बनवारी (32) रयतवाड़ी निवासी का शव देवलापार में लाते ही शव को सड़क पर रखकर गांववासियों ने उग्र आंदोलन किया. करीब 3 घंटे संतप्त गांववासियों ने राष्ट्रीय महामार्ग पर यातायात रोके रखा. आखिर प्रशासन के आने के बाद शव को रयतवाडी ले जाया गया.

प्राप्त जानकारी के अनुसार पेंच वाघ्र्य प्रकल्प के तोतलाडोह धरण में अवैध मच्छीमारी करने वालों पर वन विभाग के एसटीपीएफ कर्मचारियों ने बेछूट गोलीबारी की. इस गोलीबारी में हरी बनवारी मारा गया. सभी मच्छीमार रयतवाडी के थे. इस घटना की जानकारी मिलते ही गांववासी संतप्त हुए और उन्होंने रात में देवलापार पो.स्टे जाकर वन विभाग कर्मचारियों पर हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की. देखते-देखते वातावरण तनावपूर्ण हो गया. रात में विधायक मल्लिकार्जुन रेड्डी भी देवलापार पो.स्टे पहुंचे. वन विभाग कर्मचारियों पर रात दो-ढाई के करीब भादंवि 302 अंतर्गत मामला दर्ज होने के बाद संतप्त गांववासी और विधायक पोलिस स्टेशन से हटे. मृतक हरी बनवारी का शव रात में ही मेयो अस्पताल नागपुर में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था. जहां उसे गोली लगने का पता चला.

मृतक सुंदरलाल बनवारी

मृतक सुंदरलाल बनवारी

यह जानकारी मिलते ही अखिल भारतीय मच्छीमार संस्था के कार्यकर्ताओं ने मेयो अस्पताल में आंदोलन करने की जानकारी जानकारी है. पोस्टमार्टम के बाद आज शव को देवलापार ले जाने के लिए सुबह के 5:45 बजे रयतवाडी के सभी गांववासी, महिला समेत देवलापार में जमा हुए थे. गाडी से शव निकालते ही शव को पुलिस स्टेशन के सामने राष्ट्रीय महामार्ग पर रखा. दोनों बाजु के वाहन यातायात पुलिस ने गांव के बाहर रोके रखा था. आज देवलापार साप्ताहिक बाजार होने इस मार्ग पर अधिक भीड़ थी. वन विभाग के मुख्य वनरक्षक एम.एस. रेड्डी पर जनता का विशेष आक्रोश था. जमे गांववासियों ने वन विभाग के दंडपशाही का तीव्र निषेध करते हुए मुख्य रेड्डी को जनता के हवाले करने की मांग की. मृतक बनवारी की पत्नी लक्ष्मीबाई, दो बेटे अकलेश (9) और नीलेश (7) समेत वहां उपस्थित थी. तथा मृतक के पिता सुंदरलाल बनवारी भी शोक संतप्त अवस्था में उपस्थित थे.

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वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने हमारा रोजगार छिना है तथा हमारी जान भी ले रहे है. मच्छीमारों पर गोलीबारी न करने की लिखीत की मांग जनता की थी. दौरान शाम 5 बजे विधायक रेड्डी देवलापार पहुंचे तथा रामटेक के उपविभागीय अधिकारी शेखर सिंग, उपविभागीय पुलिस अधिकारी डा. दीपक सालुंखे, तहसीलदार प्रसाद मते, देवलापार के थानेदार एच.सी. उंदिरवाडे से चर्चा की. गरीब आदिवासी मच्छीमारों पर गोलीबारी करके हत्या करने वालों की जांच करके दोषियों पर कार्यवाई हो, मृतक के परिवार को आर्थिक मदद दे और वन अधिकार कानून 2006 अंतर्गत मच्छीमारों का सामूहिक वन अधिकार दावा मान्य करे ऐसी मांग संतप्त जनता की थी. आखिर रात 8:30 बजे सहायक वनरक्षक काले ने मृतक के परिवार को 2 लाख रुपये की मदद करने का कबुल किया. मृतक की पत्नी को नौकरी देने का प्रयास  और मच्छीमारो पर गोलीबारी नही करने आश्वासन दिया. उसके बाद ही शव को उठाने के लिए जनता कबूल हुई. संतप्त जनता ने शव को रयतवाडी की ओर ले गए. कड़े पुलिस बंदोबस्त में प्रशासन को आखिर तक संतप्त जमाव को समझाने की कोशिश शुरू थी. विधायक रेड्डी आखिर तक घटनास्थल पर उपस्थित थे.

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