Published On : Sun, Mar 24th, 2019

पर्स चोर महिला ने अपने बच्चों को भी सिखाया पॉकिटमारी, हुई गिरफ्तार

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नागपुर. बच्चों की परवरिश में मां की अहम भूमिका होती है, इसलिए मां को संस्कारों की जननी भी कहा जाता है. लेकिन कलयुग के इस दौर में एक एेसी मां का बदरंग चेहरा सामने आया है जिसने 8 और 10 साल के अपने 2 मासूमों को ट्रेन के जनरल डिब्बे में ब्लैड के सहारे पॉकिटमारी की ट्रेनिंग दी. लेकिन मां का अब यह हुनर बच्चों को भी सलाखों की दहलीज पर ले आया.

मंडल सुरक्षा आयुक्त आशुतोष पाण्डेय द्वारा गठित की गई रेल्वे स्पेशल टॉस्क टीम के उपनिरीक्षक विनेक मेश्राम, एम.बी. साहू, प्रधान आरक्षक पी दलाई, जी.आर. मड़ावी, आर. रायकवार, आरक्षक पी.एल. पटले व जीआरपी की महिला आरक्षक रजनी शर्मा ने 23 मार्च की दोपहर आजाद हिंद एक्सप्रेस के जनरल डिब्बे में यात्रियों के भीड़ के बीच संदेहास्पद अवस्था में अपने हाथ का हूनर दिखा रही सोनी पीटर (रा. विजयवाड़ा आंधप्रदेश) और इसके 2 बच्चों पी प्रेम, पी. चंदू को पॉकेटमारी करते हुए धरदबोचा.

जब महिला सिपाही रजनी शर्मा ने आरोपी महिला की तलाशी ली तो उसके पास से 2 मनी पर्स – एक में 1900 रु. तथा दूसरे में 1500 रुपये , एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, ड्रायविंग लायसंस आदि महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए. महिला के पास मौजुद सामान की तलाशी लेने पर एक सैमसंग कम्पनी का मोबाइल भी जब्त किया गया. पर्स में बरामद दस्तावेजों का अध्ययन करने पर फिर्यादी चंद्रभान बावने (रा. नागपुर) व अविनाश बारेवार (रा. गोंदिया) से संपर्क साधा गया. दोनों ने अपने-अपने पर्स को पहचाना जिस पर शातिर महिला द्वारा चोरी करने की पुष्टी हुई. अब पॉकेटमारी के शिकार हुए इन 2 फिर्यादियों की तहरीर पर आरोपी महिला के खिलाफ धारा 379 का जुर्म दर्ज कर उसे हवालात पहुंचा दिया गया है.

उक्त महिला अपने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही थी. जिस कच्ची उम्र में उनके कंधों पर स्कूल का बैग होना चाहिए था, उन नन्हें हाथों में उसने जेब काटने का उस्तरा थमा दिया और मासूम बच्चों को शिक्षा से भी वंचित कर उन्हें गुनाह के रास्ते पर चलने की नसीहत दी. बहरहाल मामले की जांच रेलवे पुलिस कर रही है.

– रवि आर्य