नागपुर: कल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस मुंबई में दम्भोक्ति कर रहे थे कि सही समय आने पर किसानों के कर्ज माफ़ी पर फ़ैसला लिया जाएगा और आज उन्हीं की सरकार की तरफ़ से जारी आंकडें मुँह चिढ़ा कर कह रहे हैं कि पिछले साल यानी एक जनवरी से 31 दिसंबर 2016 के बीच पूरे राज्य में 3000 से ज्यादा यानी 3052 किसान भाइयों ने कृषि कर्ज एवं अन्य तकलीफों के चलते अपनी इहलीला समाप्त कर ली।
राज्य सहायता कोष पुनर्वास विभाग की ओर से आंकडे जाहीर किये गए है। आत्महत्या किए गए 3 हजार 52 किसानों में से 1 हजार 621 किसान के प्रत्येक परिवारों को सरकार ने 1 लाख रूपये की आर्थिक मदद किये जाने की जानकारी दी है। जिसमें 1 हजार 167 प्रस्ताव को अपात्र घोषित किया गया तथा 264 प्रस्ताव की जांच जारी है।
विभाग अनुसार आंकड़े :
अमरावती – 1085
औरंगाबाद- 1053
नासिक- 479
नागपुर- 360
पुणे -75
कोकण- 0
मराठवाड़ा में 2015- 2016 के बीच एक हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की। 1 जनवरी से 12 दिसंबर तक 2016 की अवधि में लगभग 1003 किसानों की आत्महत्या किए जाने की जानकारी औरंगाबाद क्षेत्र के आयुक्तालय ने दी ह। 2016 में मराठवाड़ा में 8 जिले के मुकाबले सबसे ज्यादा आत्महत्या बीड़ जिले में हुई है।