नागपुर: 500 और 1000 के नोट का प्रचलन बंद होने का असर मंदिरो में होने वाले दान पर भी पड़ा है। नागपुर के प्रसिद्ध साई बाबा मंदिर में इस फैसले में बाद दान के लिए ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल अचानक बढ़ गया है। साई बाबा मंदिर ट्रस्ट ने ऑनलाइन दान देने की व्यवस्था को शुरू करने के साथ अप्रैल के महीने में कार्ड स्वाइप मशीन लगायी थी। इस व्यवस्था का अब तक ज्यादा प्रतिसाद तो नहीं मिल रहा था पर 9 तारीख के बाद से भक्तो द्वारा कार्ड स्वाइप कर दान देने का सिलसिला बढ़ गया है।
मंदिर ट्रस्ट के सचिव अविनाश शेगांवकर ने जानकारी देते हुए बताया की इस फैसले बाद मंदिर के भारतीय स्टेट बैंक के खाते में ऑनलाइन और कार्ड के जरिये दान की मात्रा में बढ़ोतरी दर्ज हुयी है। इस फैसले के बाद से मंदिर ने 500 और 1000 रूपए की नोट के माध्यम से दान नहीं लेने का फैसला किया है। हलाकि जो भक्त इन नोटों के माध्यम से दान देना भी चाहे वो दान पेटी में कर सकता है। पर सीधे मंदिर ट्रस्ट को दिया जाने वाला दान न ही इन नोटों से स्वीकारा जायेगा और न ही इसकी रसीद भक्तो को दी जाएगी। अगर कोई भक्त क्रेडिट या डेबिट कार्ड से दान देगा उसे रसीद दी जाएगी।
मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ओमप्रकाश यादव ने भक्तो से छोटे या फिर ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से दान देने की अपील ही है। यादव के मुताबिक भक्त मंदिर की दान पेटी में इन नोटों के माध्यम से दान जरूर कर सकते है पर चूँकि दान पेटी महीने में सिर्फ एक बार खोली जाती है और इन नोटों को नयी नोटों से बदलवाने का वक्त 30 दिसंबर तक का ही है। मंदिर इस महीने अगर इन नोटों को भले बदलवा ले पर आगामी महीने का दान में मिली ये राशि मंदिर के किसी काम की नहीं होगी। इसलिए मंदिर ट्रस्ट ने भक्तो से प्रचलन में शुरू नोट , ऑनलाइन या फिर कार्ड के माध्यम से दान दे। मंदिर ने अपनी तरफ से इस संबंध में धर्मदाय आयुक्त कार्यालय को एक पत्र लिखकर दान पेटी में 500 और हजार की नोटों के माध्यम से दान मिलने की जानकारी दी है।