150 साल की परंपरा
काटोल (नागपुर)। मोहरम के उपलक्ष पर पेठ बुधवार में करीब 150 सालों की परंपरा कायम रखकर हजारों नागरिकों ने ताजिया और सवारियों का आज दर्शन किया. शाम 5 बजे के बाद स्थानिक नगरी रूह, पठार, हेटी बोरडोह, भाजिपानी के ग्रामीण क्षेत्र से हजारों सवारीयां यहां आते है. इसे देखने के लिए काटोलवासी अधिक संख्या में उपस्थित थे.
पेठ बुधवार में ताजिया हरसाल आते है. क्राफ्ट कला का अविष्कार ताजिया से दिखाई दिया. ढोल ताशों की गर्जना से सवारी के साथ आनेवाले नागरिक बोलो धिन धुल्ला का गजर देखकर उपस्थितों का उत्साह देखे से बनता था. पिछली तीन पीढ़ियों की परंपरा मोहरम के उपलक्ष में जतन हो रही है. ताजिया में रामभाऊ वरूडकर, पहाड़पूरा, अकरम पठान, हफीज शेख, ताज संघ ने ताजिया तैयार करने की जानकारी दी. पेठ बुधवार के साथ हत्तीखाना में भी ताजिया दर्शन की परंपरा है.