Published On : Wed, Jul 12th, 2017

मोदी-शाह-फडणवीस की पंसद का होगा महाराष्ट्र का नया संगठन मंत्री

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नागपुर: भारतीय जनता पार्टी में संगठन मंत्री पद ताक़त के हिसाब से अध्यक्ष के बाद सबसे अहम होता है। पार्टी के संगठनात्मक ढाँचे में इस पद पर संघ द्वारा नियुक्त व्यक्ति की आसीन होता है। प्रदेश कार्यकारणी में संगठन मंत्री रहे रविंद्र भुसारी द्वारा इस्तीफ़ा दिए जाने के बाद कई तरह के सवाल उठना लाज़मी है। इस्तीफ़े की पेशकश करते हुए भुसारी ने जो दलील दी है वह समझ से परे है देश भर में बीजेपी के कई संगठन मंत्री है जिनकी उम्र 60 के पार है। इसीलिए उनसे ज़बरन इस्तीफ़ा लेने की बात कहीं जा रही है। संघ के पुर्णकालिन प्रचारक रविंद्र भुसारी को पार्टी के नेताओ की नाराजगी की वजह से जिम्मेदारी से मुक्त किये जाने की चर्चा है। इसमें एक कारण केंद्रीय मंत्री और नागपुर के सांसद नितिन गड़करी का करीबी होना भी शामिल है। जिस समय गड़करी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे उसी समय संघ मुख्यालय में मंत्री पद को संभाल रहे भुसारी को रघुनाथ कुलकर्णी की जगह संगठन महामंत्री नियुक्त किया गया था।

संघठन में रविजी के नाम से प्रसिद्ध रविंद्र भुसारी के इस्तीफ़े को लेकर मीडिया में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे है। मोटे तौर पर जो बात सामने आ रही है उसके मुताबिक राज्य के कई मंत्री और नेता उनकी कार्यप्रणाली को लेकर नाराज़ चल रहे थे। इसकी शिकायत बाकायदा आलाकमान से भी की गई थी। वैसे तो उन्हें हटाने का प्रयास काफ़ी समय से चल रहा था लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के मुंबई दौरे के बाद इस पर मुहर लग गई। गौरतलब हो की संघ से बीजेपी संघठन में भेजे गए किसी व्यक्ति को नई ज़िम्मेदारी के साथ संघ की हटाता है। पर अब बीजेपी में नए तरह के बदलाव हो रहे है। जानकारों के मुताबिक भुसारी के स्थान पर संगठन महामंत्री का कार्यभार किसी प्रचारक को ही सौपा जायेगा लेकिन जो व्यक्ति यह जिम्मेदारी संभालेगा वह प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के पसंद का होगा। इस पद के ब्यक्ति के लिए दिल्ली में मंथन का दौर शुरू भी हो चुका है। लंबे समय तक पश्चिम भारत में प्रचारक रहे रविंद्र भुसारी ने अब ग्रामीण भारत में काम करने की इच्छा जताई है। संघ के ऐसे कई संगठन है जो ग्रामीण पृष्ठभूमि में कार्यरत है। भुसारी को ऐसे ही किसी संगठन में भेजा जा सकता है।

पार्टी नेताओं की नाराजगी पड़ी भारी
चर्चा है की रविंद्र भुसारी से खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नाराज थे। इसके पीछे की वजह थी की उनके कार्यकाल के दौर में जबभी किसी मुद्दे ने सरकार के सामने चुनौती आयी संगठन ने उस शक्ति के साथ अपनी भूमिका सार्वजनिक तौर पर नहीं रखी जैसी उसे रखनी चाहिए। पार्टी में संगठन की रूपरेखा को तैयार करने का काम संगठन मंत्री का ही होता है पार्टी की कई अहम रणनीति इसी पद पर आसीन व्यक्ति की बनता है। किसान आंदोलन,मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री ने अकेले की चुनौती का सामना किया। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के जन्मदिवस समरोह में भुसारी की भूमिका से वह केंद्रीय आलाकमान उनसे और नाराज़ हो गया।