नागपुर: आरटीई यानी शिक्षा का अधिकार के तहत कमजोर तबके के बच्चों को अच्छी स्कूलों में एडमिशन के लिए नियम बनाया गया है। इस नियम के तहत निर्धन तबके के साढ़े 3 साल से लेकर 14 साल तक के बच्चे मुफ्त में अच्छी स्कूल में शिक्षा पा सकते हैं। सरकार ने सभी स्कूलों को एडमिशन देने का अनिवार्य आदेश दे रखा है। इस नियम का पालन करना सभी स्कूलों का कर्तव्य है। लेकिन शुक्रवार को एक बड़ी स्कूल द्वारा क्लास पहली से लेकर चौथी तक ही मुफ्त शिक्षा देने का तुगलकी निर्णय लिया गया है। जिसके कारण नाराज अभिभावकों ने आरटीई कार्यकर्ताओ से मिलकर इस निर्णय का विरोध किया।
आरटीई कार्यकर्ताओ की ओर से इसको लेकर मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को निवेदन भेज दिया गया है।साथ ही इसके जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षणाधिकारी दीपेंद्र लोखंडे को भी निवेदन दिया गया है।
दरअसल सिविल लाइन्स स्थित मॉडर्न प्राइमरी स्कूल का यह मामला है। स्कूल प्रशासन की और से बाकायदा नोटिस लगाया गया है। अपने बच्चो को लेकर स्कूल में प्रवेश करने जा रहे अभिभावकों को जबरन इस नियम का पालन करने को कहा जा रहा है। स्कूल की ओर से बच्चों के अभिभावकों को बताया गया कि चौथी के बाद उन्हें हर वर्ष 50 हजार रुपए देने होंगे। जिसमें बिल्डिंग फण्ड और बस फीस भी होगी। आरटीई कार्यकर्ताओं ने और बच्चों के अभिभावकों ने इसको लेकर तीव्र आक्रोश जताते हुए जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षणाधिकारी दीपेंद्र लोखंडे से मॉडर्न स्कूल पर कार्रवाई की मांग की है।