- जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल
- ‘प्रयासग्रुप’ का लोकसहभाग से अभियान
- जिलाधिकारी और अधिकारियों ने किया निरीक्षण और लिया जायजा
यवतमाल। जलप्रकल्प मृत होने के कई कारण है, लेकिन लोकसहभाग और सभी विभाग के एक छत्र के नीचे अभियान चलाने से एक अच्छा संदेश होगा. इसके लिए यवतमालवासियों को चलो निलोणा दिर्घ आयुष्य करें, ऐसा आवाह्न जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने किया. ‘प्रयासग्रुप’ की ओर से लोकसहभाग से निलोणा डैम स्थित 13 अप्रैल से किचड़ निकालने का कार्य के कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. इस कार्यक्रम के तहत वे बोल रहें थे. इस समय मंच पर नगराध्यक्ष सुभाष राय, आरडीसी राजेश खवले, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी दत्तात्रय गायकवाड़, मुख्याधिकारी रविंद्र पांढरे, जीवन प्राधीकरणचे अधीक्षक
अभियंता दिनेश बोरकर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी शंकर मडावी, प्रयास के डॉ. आलोक गुप्ता आदि उपस्थित थे.
किताब भेंट देकर मान्यवरों का स्वागत किया गया. जेसीबी के पुजन और आज अधिकारियों द्वारा निरीक्षण और जायजा लेने के पश्चात किचड़ निकालने का कार्य को शुभारंभ हुआ. जिलाधिकारी ने आगे कहा कि, यह प्रयास सिर्फ सरकारी, कागजी दस्तावेज बिना इस कार्य का जायजा, नियोजन से कार्य करने पड़ेंगे, विदर्भ में भी लोगजनजागृति होती है, यह ‘प्रयासग्रुप’ ने साबित कर दिखाने का अवसर प्राप्त कर दिया है. इस कार्य के लिए किसी भी विभाग या विकास सेवाकार्य के जिम्मेदारी से अधिकारी नहीं हटेगा, इस मुहिम के विस्तार के लिए जलयुक्त शिवार से पूरा सहयोग किए जाने का अश्वासन दिया. ‘निलोणा’ सुंदर और निसर्गरम्य परिसर क्षेत्र में फॉरेस्ट टुरिझम को भी स्कोप मिलेगा, हर एक विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने अपना सहयोग देने के निर्देश भी जिलाधिकारी महिवाल ने इस समय दिए. आरडीसी डा. राजेश खवले ने ‘प्रयासग्रुप’ का लोकसभाग से किचड़ निकालने में सफलता मिलती है तो राज्य के लिए पथदर्शी ‘निलोणा पॅटर्न’ साबित होगा, ऐसा बताकर डॉ. बाबासाहब आंबेड़कर जयंती के उपलक्ष्य में कृतिशील आदरांजली होने का मत व्यक्त किया. जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी दत्तात्रय गायकवाड़ ने कहा कि, इस जलप्रयास से यवतमालवासियों की पेयजल किल्लत दूर होगी और प्रकल्प से निकलनेवाला किचड़ किसानों के खेतों में ड़ालकर फसल उत्पादन क्षमता बढ़ाएगे और इस प्रकल्प का आयुष्यमान भी बढ़ेगा, ऐसा विश्वास व्यक्त किया.
महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण विभाग के अधीक्षक अभियंता दिनेश बोरकर ने ‘प्रयासग्रुप’ के मुहिम को ‘जलसंजीवक’ संबोधत कर इस मुहिम से विभाग के 10 ते 15 लाखों रुपयों के खर्च की बचत होगी और जलप्रकल्प दिर्घआयुष्यी बनकर ‘जलक्रांति’ का मॉडेल बनेगा, ऐसा प्रतिपादन किया. डा. आलोक गुप्ता ने प्रास्ताविक में ‘मिशन डीप निलोणा’ की भूमिका व्यक्त की.
कार्यक्रम का सूत्र संचालन विजय देशपांडे ने किया तो मंगेश खुने ने आभार माने. इस समय सरकार के विविध विभाग के अधिकारियों समेत विजय कद्रे, प्रदिप वडनेरकर, विजया कावलकर, जगदिश शर्मा, रवी बदनोरे, डॉ. अविनाश शिर्के, विवेक अडगुलवार, निशीकांत थेटे, मनोज गोरे, महेंद्र पिसे, राजु उपलेंचवार, सुशील अंबाडकर, अरविंद बेंडे, संदिप शिवरामवार, उमाकांत परोपटे, हेमंत भास्करवार, प्रदिप झिलपिलवार, माधवी राजे, गणेश वाटकर, अनिल साकरकर, विजय अष्टीकर, डॉ. चेतन दरणे, डॉ. गौरव पटेल, नरेंद्र कावलकर, डॉ. प्रवीण राखुंडे, मनोज पारधी आदि सदस्य उपस्थित थे.