Tiger Jai
नागपुर: बीते तीन माह से लापता जय को जल्द खोज लेने का दावा वनविभाग ने किया है। जय को लेकर लगातार हो रही मीडिया रिपोर्टिंग की वजह से जय को लेकर तरह-तरह के लग रहे कयासों के बीच शुक्रवार को प्रधान मुख्य वन संरक्षक – वन्यजीव प्रमुख श्री भगवान ने पत्र परिषद लेकर जय के सर्च ऑपरेशन की जानकारी दी। भगवान के मुताबिक वनविभाग पूरी मुस्तैदी से जय की खोज में जुटा है और उसे जल्द से जल्द ढूंढ लिया जायेगा। अपनी कद काठी की वजह से जय की ख्याति दुनिया भर में है। वह एशिया का दूसरे नंबर का सबसे लंबा बाघ है। जय की खोज के लिए वनविभाग ने पांच टीम बनाई है। प्रत्येक टीम में स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फ़ोर्स, वन सुरक्षाकर्मी और जंगल से वाकिफ़ एनजीओ के दो सदस्य शामिल है। इसके अलावा तकनीक के माध्यम से जय को खोजने के लिए वाईल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के वैज्ञानिकों की मदत ली जा रही है। जय की गर्दन में लगाये गए रेडिओ कॉलर सिस्टम ने 18 अप्रैल को पवनी के पास उसकी मौजूदगी की जानकारी दी थी। यही वो आखिरी वक्त था जब उसके लोकेशन की जानकारी वनविभाग को मिली थी। इसके बाद से रेडिओ कॉलर सिस्टम का कनेक्शन नहीं मिला है।
वाईल्डलाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के वैज्ञानिक हबीब बिलाल का कहना है कि रेडिओ कॉलर सिस्टम हर पांच घंटे में बाघ की लोकेशन बताता है। पर इसके पहले का अनुभाग बताता है कि जंगल से गुजरने वाली हाई टेंशन तारो के रेडियस में आने से यह सिटस्म बंद हो चुका है। इसके अलावा सिस्टम मशीन में तकनीकी खराबी और बैटरी डिस्चार्ज होने की भी संभावना है। पर जय की खोज के लिए सेटेलाइट और यू एच एफ सिस्टम की भी मदत ली जाएगी।
जय ने हमेशा तोडा दायरा
तेज तर्रार जय हमेशा अपने इलाके से बाहर निकला है। आम तौर पर बाघ जंगल में 150 वर्ग किलोमीटर के दायरे में ही रहते है। पर जय 500 वर्ग किलोमीटर के इलाके तक में भ्रमण करता पाया गया है। चार माह पहले तो उसे पवनी इलाके में देखा गया था। इतना हि नहीं एक बार वो गढ़चिरोली को पार कर आंध्रप्रदेश के जंगल पहुँच गया था। उसके इसी स्वाभाव की वजह से उसकी सही स्थिति का पता लगाना वनविभाग के सामने बहुत बड़ी चुनौती है। फिलहाल उसकी खोज में जुटी टीम भंडारा, ब्रम्हपुरी, वडसा और नागपुर के जंगलो के खोज कर रही है।
चिमुर के पास दिखा बाघ जय तो नहीं!
हाल ही में वनसुरक्षा कर्मी ने चिमुर में एक नर-मादा बाघ जोड़े को देखने का दावा किया था। हालांकि इस जोड़े की कोई तस्वीर कैमरे में कैद नहीं हुई है। पर हो सकता है कि यह बाघ जय ही रहा हो। इसलिए चिमुर और आसपास के जंगलों में भी सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।